वहीं, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शिवसेना के सामने समर्थन के बदले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) से नाता तोड़ने की शर्त रख दी है।
इस क्रम में आज यानी सोमवार को शिवसेना नेता एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकत करेंगे।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता नवाब मलिक ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर शिवसेना एनसीपी का समर्थन चाहती है तो उसको राजग से बाहर आना होगा और भारतीय जनता पार्टी से संबंध तोड़ने होंगे।
एनसीपी नेता ने कहा कि शिवसेना को हमारा समर्थन पाने से पहले केंद्रीय कैबिनेट से अपने कोटे के सभी मंत्रियों को इस्तीफा दिलवाना होगा।
वहीं, राज्यपाल की तरफ से शिवसेना को यह निमंत्रण भाजपा द्वारा सरकार बनाने से इंकार करने के बाद आया है।
भाजपा नवनिर्वाचित विधानसभा में 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि शिवसेना 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
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कोश्यारी ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे से कहा कि वह इस मामले पर अपने रुख से अवगत कराएं। यद्यपि राजभवन की तरफ से भेजे गए पत्र पर कोई समयसीमा नहीं तय की गई है, लेकिन समझा जाता है कि शिवसेना के पास राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए जरूरी विधायकों की संख्या के साथ दावा करने के लिए मुश्किल से 24 घंटे का समय है।
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संकेतों के अनुसार, शिवसेना तीसरी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (55 विधायक) और चौथी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस (44 विधायक) से बाहर से समर्थन हासिल कर सकती है।