महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाढ़ी सरकार को एक ‘सफल प्रयोग’ के रूप में पूरा अंक देते हुए, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सरकार पर नियंत्रण के लिए न तो ‘हेडमास्टर’ की तरह काम किया और न ही ‘रिमोट’ चलाया। पवार ने उद्धव के आठ महीने के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि दिवंगत (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे के काम करने की शैली काफी अलग हैं .. लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में भी वे अच्छा काम कर रहे हैं। पवार ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बना सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के घटक दलों में कोई मतभेद नहीं है और न ही इससे जुड़ी खबरों में कोई सच्चाई है। शिवसेना के आधिकारिक पत्रिका, सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत द्वारा आयोजित मैराथन साक्षात्कार में उनकी टिप्पणियां सामने आईं हैं।
शरद पवार ने कहा कि लोकतंत्र में यह सोचना गलत होगा कि आप हमेशा सत्ता में रहेंगे। अगर मतदाताओं को महत्व नहीं दिया गया तो वो इस बात को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। यही वजह है कि मजबूत जनाधार वालीं इंदिरा गांधी और अटल बिहार वाजपेयी भी चुनाव में हार का सामना कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जनता के पास लोकतांत्रिक अधिकार हैं, अगर नेता अपनी सीमा रेखा पार करेंगे तो चुनाव में उनको खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसलिए नेताओं के अच्छा यही है कि वो ये ना सोचें कि सत्ता में दोबारा लौटेंगे अगर जनता को उसमें अहंकार की बू आई तो उनको सबक सिखाया जाएगा।