सिद्धू ने पंजाब सरकार से यह भी पूछा कि गोलीबारी की घटना के आरोपी पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी (Former Punjab DGP Sumedh Singh Saini) को मिली जमानत के खिलाफ अदालत में विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से कोई भी वकील अटॉर्नी जनरल बन सकता है और कोई भी आईपीएस अधिकारी डीजीपी बन सकता है, लेकिन अगर नैतिकता के बारे में बात करते हैं तो क्या ऐसा करना सही होगा ! क्या हम ऐसे लोगों को एजी और डीजी के रूप में नियुक्त कर सकते हैं, जबकि हमने पंजाब के लोगों से वादा किया था कि हम उन्हें बेअदबी और गोलीकांड के मामलों में न्याय देंगे।
यह भी पढ़ें- पंजाब सीएम चन्नी का नवजोत सिंह सिद्धू पर पलटवार, कहा- गरीब हूं लेकिन कमजोर नहीं उन्होंने कहा कि कोटकपुरा गोलीकांड में तीसरी एसआईटी को गठित हुए 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। सिद्धू ने कहा कि यह मेरा कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है, लेकिन मैं अपने पंजाब के साथ खड़ा हूं।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पंजाब में सत्तारूढ़ सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, क्योंकि राज्य के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को दी गई बेल के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर नहीं की गई जो कि फरीदकोट के बहबलकलां पुलिस फायरिंग मामले में नामजद मुख्य व्यक्तियों में से एक हैं।
यह भी पढ़ें- कैप्टन की नई पार्टी पर सिद्धू का बयान, पत्नी साथ नहीं देतीं तो जनता से क्या उम्मीद उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगते हुए कहा कि जिन्होंने मुख्य साजिशकर्ताओं को क्लीन चिट दी थी, क्या हम उन्हें एजी और डीजी के रूप में नियुक्त कर सकते हैं, जबकि हमने पंजाब के लोगों को इस मामले में न्याय दिलाने का वादा किया था।