अब इस मुस्कान के मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि क्या पंजाब में कांग्रेस की कलह अब खत्म होने वाली है। क्या पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक होने वाला है? दरअसल सिद्धू से मुलाकात के बाद प्रियंका सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचीं। ऐसे में माना जा रहा है कि पंजाब मैटर को सुलझाने के लिए प्रियंका बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
यह भी पढ़ेँः राहुल गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मीटिंग से किया इनकार, कहा-कोई मुलाकात नहीं हुई पहले दिन सिद्धू राहुल से नहीं हो पाई मुलाकात बुधवार को सिद्धू का दिल्ली में दूसरा दिन है। इससे पहले मंगलवार को कयास लगाे जा रहे थे कि उनकी मुलाकात राहुल गांधी से होगी। लेकिन देर शाम राहुल गांधी ने इस मुलाकात को लेकर साफ इनकार कर दिया।
इसके बाद एक बार फिर अटकलें बढ़ गईं कि क्या सिद्धू खाली हाथ ही लौटेंगे। लेकिन बुधवार को सिद्धू ने इरादे साफ कर दिए और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद एक ट्विट साझा कर इसकी जानकारी दी। अपने ट्विट में सिद्धू ने इसे लंबी मुलाकात बताया। हालांकि अब ये खबर भी सामने आ रही है कि प्रियंका के बाद सिद्धू की राहुल गांधी से भी मुलाकात हो सकती है।
सिद्धू ने नहीं कहा एक भी शब्द
प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद बाहर निकलते वक्त जब मीडिया ने सिद्धू से जानने की कोशिश की तो उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा। दरअसल शायद कांग्रेस आलाकमान इस पूरे मामले पर किसी भी तरह की बयान से बचना चाहता है।
प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद बाहर निकलते वक्त जब मीडिया ने सिद्धू से जानने की कोशिश की तो उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा। दरअसल शायद कांग्रेस आलाकमान इस पूरे मामले पर किसी भी तरह की बयान से बचना चाहता है।
जब तक कैप्टन और सिद्धू दोनों के बीच सुलह नहीं हो जाती या इस विवाद का हल नहीं निकल आता, कोई भी इस पर खुलकर बात नहीं कर रहा है। इससे पहले जब कैप्टन दिल्ली आए थे तो वे भी बिना किसी से बात किए पंजाब लौट गए थे।
सोनिया से मिलने पहुंची प्रियंका
सिद्धू से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके निवास 10 जनपद पहुंची। इसके बाद कयास लगना शुरू हो गए कि वे सिद्धू का पक्ष रख सकती हैं।
सिद्धू से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके निवास 10 जनपद पहुंची। इसके बाद कयास लगना शुरू हो गए कि वे सिद्धू का पक्ष रख सकती हैं।
दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह को सोनिया का करीबी माना जाता है, जबकि सिद्धू राहुल और प्रियंका के करीबी रहे हैं। बीजेपी ने सिद्धू लाने में भी राहुल और प्रियंका ने ही बड़ी भूमिका निभाई थी। ऐसे में हो सकता है कि प्रियंका सोनिया से मिलकर सिद्धू की मांग के बारे में अवगत करा सकती हैं।
क्यों जरूरी सिद्धू भी?
पंजाब में अगले वर्ष होने वाले चुनाव को लेकर भले ही कांग्रेस ये साफ कर चुकी है कि ये चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। लेकिन पार्टी के लिए सिद्धू भी उतने ही अहम हैं। क्योंकि चुनाव से पहले अगर सिद्धू की नाराजगी बरकरार रही तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पंजाब में अगले वर्ष होने वाले चुनाव को लेकर भले ही कांग्रेस ये साफ कर चुकी है कि ये चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। लेकिन पार्टी के लिए सिद्धू भी उतने ही अहम हैं। क्योंकि चुनाव से पहले अगर सिद्धू की नाराजगी बरकरार रही तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस बीच सिद्धू की बयानबाजी से लेकर उनके कांग्रेस छोड़ने तक की संभावनाएं बनी हुई हैं, लिहाजा कांग्रेस किसी भी तरह के नुकसान उठाने की स्थिति में नहीं है। बादल ने सिद्धू को बताया बेलगाम मिसाइल
सिद्धू की प्रियंका से मुलाकात के बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सिद्धू को लेकर बड़ा बयान दिया है। बादल ने सिद्धू को मिसागाइडेड मिसाइल बताया है। उन्होंने कहा कि सिद्धू एक ऐसी मिसाइल हैं जो किसी के नियंत्रण में नहीं है। पंजाब की जनता को किसी अभिनय करने वाले की नहीं बल्कि प्रदेश का विकास करने वाले की जरूरत है।
सिद्धू की प्रियंका से मुलाकात के बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सिद्धू को लेकर बड़ा बयान दिया है। बादल ने सिद्धू को मिसागाइडेड मिसाइल बताया है। उन्होंने कहा कि सिद्धू एक ऐसी मिसाइल हैं जो किसी के नियंत्रण में नहीं है। पंजाब की जनता को किसी अभिनय करने वाले की नहीं बल्कि प्रदेश का विकास करने वाले की जरूरत है।
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बादल के बयान के बाद सिद्धू का पलटवार भी सामने आया। सिद्धू ने कहा कि आपके भ्रष्ट व्यवसायों को नष्ट करना ही लक्ष्य है। जब तक आपके सुख विलास को पंजाब के गरीबों की सेवा के लिए एक पब्लिक स्कूल और सार्वजनिक अस्पताल में नहीं बदला जाता, मैं नहीं झुकूंगा !!
बादल के बयान के बाद सिद्धू का पलटवार भी सामने आया। सिद्धू ने कहा कि आपके भ्रष्ट व्यवसायों को नष्ट करना ही लक्ष्य है। जब तक आपके सुख विलास को पंजाब के गरीबों की सेवा के लिए एक पब्लिक स्कूल और सार्वजनिक अस्पताल में नहीं बदला जाता, मैं नहीं झुकूंगा !!
ऐसे बढ़ा सिद्धू-कैप्टन के बीच विवाद
हाल ही में सिद्धू ने बरगारी मामले और कोटकपुरा फायरिंग की जांच में ढ़िलाई बरतने का आरोप लगाते हुए कैप्टन सरकार पर निशाना साधा था। कुछ अन्य मुद्दों को लेकर भी सिद्धू पहले से नाराज थे। लेकिन सिद्धू के इस बयान के बाद आंतरिक कलह सामने आ गई।
हाल ही में सिद्धू ने बरगारी मामले और कोटकपुरा फायरिंग की जांच में ढ़िलाई बरतने का आरोप लगाते हुए कैप्टन सरकार पर निशाना साधा था। कुछ अन्य मुद्दों को लेकर भी सिद्धू पहले से नाराज थे। लेकिन सिद्धू के इस बयान के बाद आंतरिक कलह सामने आ गई।
खींचतान खत्म करने के लिए कांग्रेस में तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी थी। मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जय प्रकाश अग्रवाल वाली इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री बनाए रखने की सलाह दी थी।
क्या चाहते हैं सिद्धू और कैप्टन
कैप्टन जहां सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाने के लिए राजी हैं तो वहीं सिद्धू को लगता है कि अब कुछ महीनों के लिए डिप्टी सीएम बनने का कोई फायदा नहीं है। लिहाजा वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं। इसके अलावा भी कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच खींचतान है, जिसका हल दिल्ली दरबार से ही निकलेगा।
कैप्टन जहां सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाने के लिए राजी हैं तो वहीं सिद्धू को लगता है कि अब कुछ महीनों के लिए डिप्टी सीएम बनने का कोई फायदा नहीं है। लिहाजा वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं। इसके अलावा भी कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच खींचतान है, जिसका हल दिल्ली दरबार से ही निकलेगा।