विधानसभा चुनाव के दौरान ही संगठन की निष्क्रियता और पार्टी प्रत्याशियों के चयन को लेकर कुछ नेताओं ने विद्रोही सुर बुलंद किए थे। इसके बाद पार्टी के कुछ प्रत्याशियेां की हार के बाद संगठन में कार्यरत कुछ नेताओं पर उंगली उठ रही है। बताया जा रहा है कि असंतुष्ट नेताओं को संगठन में प्रमुख पद देकर संतुष्ट किया जाएगा। वहीं चुनाव के दौरान खराब प्रदर्शन करने वालों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
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बागपत जिले की तीन सीटों में से दो पर भाजपा ने कब्जा जमाया जबकि मात्र एक सीट छपरौली पर ही रालोद की इज्जत बच सकी। छपरौली को रालोद का गढ़ कहा जाता है। जहां पर पार्टी ने अपनी इज्जत बचाई।
बागपत जिले की तीन सीटों में से दो पर भाजपा ने कब्जा जमाया जबकि मात्र एक सीट छपरौली पर ही रालोद की इज्जत बच सकी। छपरौली को रालोद का गढ़ कहा जाता है। जहां पर पार्टी ने अपनी इज्जत बचाई।