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केंद्रीय मंत्री यहीं नहीं थे, उन्होंने कहा कि ‘उनको झूठ बोलना नहीं आता है। इसलिए जो कहना है, मुंह पर कहते हैं। हालांकि कई बार उनकी बात लोगों को बुरी लगती है और वो नाराज हो जाते हैं। गडकरी ने कहा कि यहां कुछ लोग झूठमूठ के आंसू बहाते हैं और मुस्कुराते हैं। ऐसे लोग जिनको नापंसद भी करते हैं, उनके लिए भी अच्छा बोलते हैं। लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं है। केंद्रीय मंत्री ‘चतुर और चतरा का अर्थ समझाते हुए कहा कि इन दो शब्दों में भेद है।
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गडकरी ने कहा कि आज हमारे समाज में जितनी तरह के लोग हैं, उतने ही रंग के नेता भी हैं। उन्होंने कहा कि वो अन्य नेताओं से अलग हैं। उनके जीने का स्टाइल दूसरों से जुदा है, क्योंकि उनको मक्खन लगाने में विश्वास नहीं है। यही नहीं गडकरी ने अटकलों के विपरीत यह भी स्पष्ट किया कि उनको पीएम बनने की महत्वाकांक्षा नहीं है। उनके लिए केवल देश सर्वोपरी है। आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब आम चुनाव में किसी भी राजनीति पार्टी को पूर्ण बहुमत न मिलने की परिस्थिति में भाजपा की ओर से उनको पीएम के रूप में पेश किए जाने की अटकलें लगाईं जा रही हैं।