बेशक वो बुरका और हिजाब के भीतर ही मतदान देने गई हो लेकिन उसके दिमाग की सोच को एक नए पंख लग गए हैं। जिसमें वो अपने परिवार के बारे में ही नहीं बल्कि समाज और देश के बारे में भी सोचने लगी हैं। वे अब मतदान के दौरान प्रत्याशियों को हर स्थिति से मांपकर ही वोट करती नजर आई। इन मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले तो उनके परिवार का तो विकास होगा ही। साथ ही समाज और देश में भी उनका सम्मान बढ़ेगा। आज की मुस्लिम महिलाओं में आज के समय में आगे बढ़ाने के लिए काफी उत्साह है। वे अब शिक्षित बनकर अपना और अपने परिवार के साथ समाज पर भी ध्यान देना चाहती है। समय बदल रहा है और इसी बदले समय की इबारत बनकर ये मुस्लिम महिलाएं सामने आ रही है।
मुस्लिम शिक्षिका कहकशा नफीसा का कहना है कि उन्हें पता है कि घर और समाज में शिक्षा और विकास का कितना महत्व होता है। उन्होंने कहा कि अब मुस्लिमों को कोई अनपढ़ कहने की गुस्ताखी नहीं कर सकता। समाज में शिक्षा की अलख जलनी शुरू हो गई है। घर में महिलाएं अब बच्चों के लिए सबसे पहले पढ़ाई के लिए सोचती हैं। वे अब समाज में हर जगह अपनी भागीदारी देखना चाहती हैं। यहीं कारण है कि आज मतदान में भी वे स्वयं के विवेक के मतदान कर रही हैं।