सुषमा स्वराज ( sushma swaraj ) ने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है। 66 वर्षीय स्वराज अबतक मध्य प्रदेश के विदिशा से लोकसभा पहुंचती थीं। लेकिन दिसंबर 2016 में किडनी के ऑपरेशन के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। सुषमा ने इस ऐलान के साथ ही ये भी कह दिया था कि वे चुनावी सभाओं और कार्यक्रमों में अब शामिल नहीं हो सकती हैं, यानी राज्यसभा से भी वे सरकार में किसी पद पर नहीं रहना चाहती हैं। कुल मिलाकार दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले भारतीय नागरिकों की एक ट्वीट पर मदद के लिए आगे आने वाली सुषमा मोदी की 2.0 सरकार में नहीं होंगी। अब बात उस शख्सियतों की जो सुषमा स्वराज की जगह विदेश मंत्रालय की कुर्सी पर बैठने का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
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विजय कुमार सिंह: लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी की गाजियाबाद सीट से 61.96 रिकॉर्ड वोट पाने वाले जनरल वीके सिंह ( V K Singh) सुषमा स्वराज के उत्तराधिकारी हो सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि जनरल सिंह ने पूरे पांच साल तक सुषमा स्वराज के साथ काम किया है। 16वीं लोकसभा में सिंह के पास विदेश राज्य मंत्री का पद था। इस तरह उनके पास विदेशी सरकारों से मधुर संबंध और काम का पूरा अनुभव है। अपने पूरे कार्यकाल के दौरान वीके सिंह सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए थे, जब इराक के मोसुल में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा मारे गए भारतीय नागरिकों के अवशेष लेकर भारत पहुंचे।
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निर्मला सीतारमण: भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री का रुतबा रखने वाली निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) भी विदेश मंत्री बनने की रेस में हैं। कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य सीतारमण को मोदी सरकार के तेज तर्रार मंत्रियों में गिना जाता है। इनके कार्यकाल के दौरान ही भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था। ऐसे में सीतारमण को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जा सकता है।
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