यह परिवाद अधिवक्ता सुधीर के ओझा ने मुजफ्फरपुर के सीजेएम एसके तिवारी की कोर्ट में दाखिल कराया है। ओझा की शिकायत पर सुनवाई 3 अगस्त को अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने अभिनेत्री अर्पना सेन, अडूर गोपाल कृष्णन, शुभा दुग्गल, सुमित्रा चटर्जी, रेवती, कोंकणा सेन, श्याम बेनेगल, मणिरत्नम व इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित 49 बुद्धिजीवि शामिल हैं।
ओझा की ओर से दर्ज वाद पर सीजेएम एसके तिवारी ने 3 अगस्त की तिथि सुनवाई के लिए मुकर्रर की है। कलाकारों और बुद्धिजीवियों की मंशा पर उठाए सवाल
अधिवक्ता सुधीर ओझा ने अपने परिवाद में मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले कलाकारों और बुद्धिजीवियों पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी से सवाल पूछने वाले कलाकारों की मंशा देश की छवि खराब करना है ।
पत्र लिखने वाले कलाकार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करना चाहते हैं। इन लोगों की मंशा ठीक नहीं है। पत्र लिखने वाले कलाकारों और बुद्धिजीवियों की मंशा देश को टुकड़े- टुकड़े करना है।
राहुल गांधी: मोदी सरकार के संशोधित आरटीआई कानून से भ्रष्टाचार को मिलेगा बढ़ावा सेलेब्स ने पीएम से मांगा था जवाब बता दें कि 25 जुलाई को मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर देश के 49 कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इन सेलेब्स ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि सिर्फ संसद में मॉब लिंचिंग की निंदा करने से काम नहीं चलेगा।
इसके खिलाफ क्या एक्शन लिया जा रहा है? वो बताइए। सेलेब्स ने कहा कि हमें लगता है कि ऐसे किसी भी क्राइम की बेल नहीं होनी चाहिए और ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए।
ऐसी हत्या करने वालों को बिना पैरोल के आजीवन करावास की सजा सुनाई जानी चाहिए। डीएमसी जफरुल इस्लामः केजरीवाल ने नहीं दिया अल्पसंख्यकों की गिनती का