राजनीति

वो गलतियां जिस कारण बिहार में डूबी मुकेश साहनी की नाव, टूट गई पार्टी

बिहार में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी बुरी तरह टूट गई है। आखिर वो कौन सी गलतियाँ है जो उन्हें भाजपा के खिलाफ भारी पड़ीं?

Mar 24, 2022 / 12:13 pm

Mahima Pandey

Mistakes that cost VIP supremo Mukesh Sahni in Bihar

बिहार सरकार में मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी को तब बड़ा झटका लगा जब उनकी पार्टी के विधायको ने बीजेपी का दामन थाम लिया। बुधवार को VIP के तीनों विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव ने दल बदल कानून के तहत पार्टी छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया। एसके साथ ही विधानसभा में वीआईपी का विलय बीजेपी में कराने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को सौंप दिया। ऐसा लगाता है जैसे सहनी को अधिक महत्वाकांक्षी होना ही भारी पड़ गया। 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले VIP का उन्होंने गठन किया था और सीटों को लेकर महागठबंधन को छोड़ दिया था। इसके बाद बीजेपी से हाथ मिला लिया था। भाजपा ने 11 सीटें दीं जिनमें से 3 पर उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की। लेकिन ऐसी कौन सी गलतियां उन्हें अब भारी पड़ रही हैं?
बीजेपी के खिलाफ यूपी में चुनाव लड़ना पड़ा भारी?
मुकेश सहनी ने इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ 53 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। इसके बाद चुनाव के दौरान मुकेश सहनी ने अखबारों में बीजेपी के खिलाफ विज्ञापन छपवाए और मतदाताओं से भाजपा को वोट न करने के लिए कहा। चुनाव के नतीजे आए तो भले ही वीआईपी को एक सीट भी नहीं मिली पर भाजपा इस कदम से काफी नाराज हुई। माना जा रहा है कि भाजपा ने इसके बाद ही मुकेश सहनी के खिलाफ अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया। बीजेपी इस बाद से नाराज थी कि सहनी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। इसके बाद मुकेश सहनी को गठबंधन से अलग करने में बीजेपी कामयाब भी हो गई है।

यूपी चुनाव में की गई गलती को फिर दोहराया

यूपी चुनाव में की गई गलती से कोई सबक न लेते हुए सहनी ने
बिहार में 24 सीटों पर होने वाले एमएलसी चुनाव खड़े कर दिए। मुकेश सहनी की इस हरकत ने भाजपा को और नाराज ककरने का काम किया।
बोंचहा उपचुनाव
बिहार के बोंचहा में 12 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं। इस सीट को लेकर बीजेपी खिलाफ VIP ने सीधे मोर्चा ही खोल दिया। ये वही सीट है जिसपर वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में वीआईपी उम्मीदवार मुसाफिर पासवान ने जीत दर्ज की थी। उनकी मौत के बाद ये सीट खाली हो गई था। इस सीट पर जब मुकेश सहनी ने उम्मीदवार खड़ा करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद भाजपा ने भी अपने उम्मीदवार के नाम की घोषण इस सीट से कर दी।

इस तरह मुकेश सहनी ने भाजपा को अपने खिलाफ कर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया। इसके बाद उनकी पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव बीजेपी में शामिल हो गए। इससे सहनी के किये कराए पर पूरी तरह पानी फिर गया।

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