पश्चिम बंगाल में आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए बिरसा मुंडा की प्रतिमा के सम्मान में अमित शाह द्वारा मल्यार्पण करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया, लेकिन जिस मूर्ति पर अमित शाह और भाजपा के नेता फूल माला चढ़ाने जा रहे थे वो मूर्ति बिरसा मुंडा की प्रतिमा नहीं थी वो मूर्ति एक आदिवासी नेता की प्रतिमा थी। आपको बात दें कि बिरसा मुंडा का स्वतंत्रता लड़ाई में अहम योगदान रहा है। महज 25 साल की उम्र में उनकी हत्या कर दी गई थी।
कार्यक्रम के बाद शाह ने ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने लिखा- पश्चिम बंगाल के बांकुरा में प्रसिद्ध आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा जी को पुष्पांजलि अर्पित की। उनका जीवन हमारे आदिवासी बहनों और भाइयों के अधिकारों और उत्थान के लिए समर्पित था। उनका साहस, संघर्ष और बलिदान हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे।
कार्यक्रम में आदिवासी नेता की मूर्ति को नीचे स्वंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की फोटो रखने से कई आदिवासी संगठन भड़क उठे। आदिवासी संगठनों ने इसे आदिवासियों का अपमान बताया। आदिवासियों के संगठन- भारत जकात माझी परगना महल ने कहा है कि इस घटना से आदिवासी समाज खुद को ठगा हुआ और व्यथित महसूस कर रहा है। इससे बिरसा मुंडा का अपमान हुआ।
टीएमसी जो चाहती तो वो उसे मिल गया। मुद्दा मिलते ही टीएमसी ने शाह पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें बाहरी तक कह डाला। टीएमसी ने कहा – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल की संस्कृति से इतने अनभिज्ञ हैं कि उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को एक गलत मूर्ति की माला पहनाकर अपमानित किया और उनकी तस्वीर को किसी और के पैर में रख दिया। क्या वह कभी बंगाल का सम्मान करेंगे?
टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला। टीएमस सांद ने आरोप लगाया कि बीजेपी बंगाल के महापुरुषों का अपमान कर रही है। नुसरत ने लिखा ईश्वरचंद विद्यासागर से लेकर बिरसा मुंडा तक, बंगाल के महापुरुषों के प्रति यह कैसे अनादर है, अमित शाह जी?’