किसको क्या मिला?
मंत्रालयों के बंटवारे में उद्धव ठाकरे ने तीनों दलों में बराबर वेटेज देते हुए मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है।
तिहाड़ में निर्भया के दोषियों को फांसी देने से पहले जल्लाद का छलका दर्द, पीएम मोदी को खत लिख लगाई गुहार
मंत्रालयों के बंटवारे में उद्धव ठाकरे ने तीनों दलों में बराबर वेटेज देते हुए मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है।
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शिवसेना के पास गृह विभाग
शिवसेना ने अपने जिन मंत्रालयों को रखा है उनमें गृह मंत्रालय, शहरी विकास, PWD और पर्यावरण प्रमुख रूप से शामिल हैं। एनसीपीः शिवसेना के बाद एनसीपी के भी महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। इनमें वित्त मंत्रालय, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, जल संसाधन और खाकद्य आपूर्ति प्रमुख रूप से शामिल है।
शिवसेना ने अपने जिन मंत्रालयों को रखा है उनमें गृह मंत्रालय, शहरी विकास, PWD और पर्यावरण प्रमुख रूप से शामिल हैं। एनसीपीः शिवसेना के बाद एनसीपी के भी महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। इनमें वित्त मंत्रालय, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, जल संसाधन और खाकद्य आपूर्ति प्रमुख रूप से शामिल है।
मौसमः 8 से ज्यादा राज्यों में बारिश की संभावना, जारी हुआ कोल्ड कंडीशन अलर्ट कांग्रेसः कांग्रेस को भी अपने शेयर के मुताबिक मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें राजस्व मंत्रालय का महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कांग्रेस नेताओं के हाथ में होगी। जबकि ऊर्जा मंत्रलाय और आदिवासी कल्याण विभाग का जिम्मा भी कांग्रेस का होगा।
उद्धव के पास नहीं कोई विभाग
मंत्रालयों के बंटवारे में उद्धव ठाकरे ने अपने पास कोई जिम्मेदारी नहीं रखी है। यानी कोई भी मंत्रालय का काम उद्धव ने अपने पास नहीं रखा है। डिप्टी सीएम पर सस्पेंस बरकरार
मंत्रालयों के बंटवारे तो आखिरकार उद्धव ठाकरे ने कर दिए, लेकिन अब तक डिप्टी सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार है। दरअसल इस दौड़ में सबसे आगे अजित पवार का ही नाम चल रहा है। लेकिन दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो कांग्रेस चाहती है एनसीपी के किसी अन्य बड़े नेता को ये जिम्मेदारी सौंपी जाए। क्योंकि अजित पवार एक बार पहले ही बगावत कर चुके हैं।
मंत्रालयों के बंटवारे में उद्धव ठाकरे ने अपने पास कोई जिम्मेदारी नहीं रखी है। यानी कोई भी मंत्रालय का काम उद्धव ने अपने पास नहीं रखा है। डिप्टी सीएम पर सस्पेंस बरकरार
मंत्रालयों के बंटवारे तो आखिरकार उद्धव ठाकरे ने कर दिए, लेकिन अब तक डिप्टी सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार है। दरअसल इस दौड़ में सबसे आगे अजित पवार का ही नाम चल रहा है। लेकिन दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो कांग्रेस चाहती है एनसीपी के किसी अन्य बड़े नेता को ये जिम्मेदारी सौंपी जाए। क्योंकि अजित पवार एक बार पहले ही बगावत कर चुके हैं।
उधर..शिवसेना ने अजित पवार के मसले पर हर फैसला एनसीपी के ऊपर ही छोड़ दिया है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिर महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजता है।