बता दें कि अफसरा अनिका मीम बांग्लादेश की कुश्तिया जिले की रहनेवाली हैं। विश्वभारती यूनिवर्सिटी में मीम ने 2018 में ग्रेजुएशन में दाखिला लिया था। 2019 में भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को संसद से पास किया था। इस कानून का अनिका मीम विरोध कर रही थी। आरोप है कि दिसंबर, 2019 में छात्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से नागरिकता कानून के विरोध में कुछ पोस्ट भी किया था।
IAF प्रमुख आरकेएस भदौरिया का बड़ा बयान- पाकिस्तान में हिम्मत नहीं की आतंकी हमले की हिमाकत अनिका मीम की एक दोस्त ने बताया कि पोस्ट वायरल होने के बाद छात्रा को ट्रोल किया जाने लगा। इसके बाद छात्रा को गृह मंत्रालय की तरफ से 14 फरवरी को नोटिस थमा दिया गया। नोटिस में उसे 15 दिनों के अंदर देश छोड़कर जाने को कहा गया है।
गृह मंत्रालय से जारी नोटिस में वीजा शर्तों के उल्लंघन की बात कही गई है। नोटिस के मुताबिक छात्रा को सरकार विरोधी गतिविधि में संलिप्त पाया गया है। इस तरह की गतिविधि वीजा नियमों का उल्लंघन है। एक न्यूज एजेंसी को भेजे व्हाट्सएप मैसेज में छात्रा ने कहा कि अभी मैं इस पर बात करने की स्थिति में नहीं हूं। कोलकाता में बांग्लादेश उप उच्चायोग के अधिकारी ने बताया कि अभी उन्हें आधिकारिक तौर पर सूचना मिलने का इंतजार है।