राजनीति

दिल्ली: मनोज तिवारी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, ’बाल दिवस’ की तारीख बदलने की रखी मांग

नेहरू (Jawahar Lal Nehru) के जन्मदिन के रूप में बाल दिवस मानने के खिलाफ मनोज तिवारी
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

Dec 27, 2019 / 11:59 am

Mohit sharma

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नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष की सलाह अगर मान ली गई तो देश में जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) का जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने की परंपरा ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari ) ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर गुरु गोविंद सिंह ( Guru Govind Singh ) के वीर पुत्रों की याद में बाल दिवस मनाने की परंपरा शुरू करवाने का अनुरोध किया है।

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भोजपुरी अभिनेता से राजनेता तिवारी ( Manoj Tiwari ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) को पत्र लिखकर गुरु गोविंद सिंह ( Guru Govind Singh ) के छोटे साहिबजादों के बलिदान दिवस (Sacrifice day)
को बाल दिवस के रूप में मनाने की मांग की है।

ने अपने पत्र में लिखा है, “भारत में कई बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने बलिदान दिया है, लेकिन इनमें साहिबजादे जोरावर सिंह और साहिबजादे फतेह सिंह (गुरु गोविंद सिंह) का बलिदान सर्वोपरि है।

सन् 1705 में 14 नवंबर को ही इन दानों बालकों ने धर्म की रक्षा करने में अपना बलिदान दिया था।”

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आपको बता दें कि अभी तक देश में पंडित जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) के जन्म दिन पर बाल दिवस (Children’s day) मनाया जाता है।

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भाजपा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari ) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, “14 नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसके पीछे अवधारणा रही है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय थे।

 

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हमारे देश में बच्चों ने अनेक बलिदान दिए हैं और उनमें सर्वोत्कृष्ट बलिदान सिखों के दशम गुरु साहिब गुरुगोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों, साहिबजादा जोराबर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह जी ने दिया है। मेरे विचार में इन बहादुर बच्चों की शहादत की याद में उनके बलिदान दिवस को यदि बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो यह देश के सारे बच्चों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत के रूप में काम करेगा।”

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