राजनीति

मनमोहन सिंह बोले- राष्ट्रवाद और भारत की जय के नारे का हो रहा है दुरुपयोग

दुर्भाग्य से देश के अंदर एक ऐसा वर्ग है जो पूर्वाग्रहों से ग्रसित है
इतिहास पढ़ने का धैर्य अब लोगों में नहीं है
Nehru की गलत छवि पेश करने की कोशिश हो रही है

Feb 23, 2020 / 10:12 am

Dhirendra

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Ex Pm Manmohan Singh ) ने देश के हालात पर बड़ा बयान दिया है। दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू (( Jawahar Lal Nehru ) पर लिखी किताब के विमोचन के मौके पर मनमोहन सिंह ने कहा कि आज राष्ट्रवाद और भारत माता की जय ( Nationalism and Bharat Mata Ki Jay ) के नारे का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि भारत की राष्ट्रों के समूह में उज्ज्वल लोकतंत्र के रूप में पहचान है। यदि उसे महत्वपूर्ण वैश्विक शक्तियों में एक समझा जाता है तो ये तो प्रथम प्रधानमंत्री ही थे जिन्हें इसके मुख्य शिल्पी होने का श्रेय दिया जाना चाहिए।
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मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ) भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि नेहरू ने अशांत और विषम स्थितियों में भारत का नेतृत्व किया जब देश ने जीवन के लोकतांत्रिक तरीके को अपनाया था जिसमें विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक विचारों का समायोजन किया था। उन्होंने कहा कि भारत की धरोहर पर गर्व महसूस करने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने उसे आत्मसात किया एवं नए आधुनिक भारत की जरूरतों के साथ उसका तारतम्य बैठाया। दुर्भाग्य से एक ऐसा वर्ग है जिसमें या तो इतिहास पढ़ने का धैर्य नहीं है या जो जानबूझकर अपने पूर्वाग्रहों से संचालित व दिशानिर्देशित होना चाहता है। वह नेहरू की गलत छवि पेश करने की यथासंभव कोशिश करता है। लेकिन मुझे यकीन है कि इतिहास में फर्जी और झूठे आक्षेपों को खारिज करने तथा सभी चीजों को उपयुक्त परिप्रेक्ष्य में रखने की क्षमता है।
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पुरुषोत्तम अग्रवाल और राधा कृष्ण ( Purushottam Agarwal and Radha Krishna ) द्वारा लिखित ‘हू इज भारत माता’ नामक इस पुस्तक में नेहरू की क्लासिक पुस्तकेंरू ऑटोबायोग्राफी, ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री और डिस्कवरी ऑफ इंडिया, आजादी से पहले और बाद के उनके भाषण , लेख, पत्र तथा कुछ सनसनीखेज कुछ साक्षात्कार हैं। सिंह ने कहा कि ऐसे समय में इस पुस्तक की खास प्रासंगिकता है जब राष्ट्रवाद और भारत माता की जय ( Nationalism and Bharat Mata Ki Jay ) के नारे का भारत के उग्रवादी एवं विशुद्ध भावनात्मक विचार के निर्माण के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है। एक ऐसा विचार जिसमें लाखों बाशिंदे और नागरिक शामिल नहीं हैं।
बता दें कि 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से भारत माता की जय पर एक खास वर्ग द्वारा आपत्ति जताने का सिलसिला जारी है। ऐसे लोगों का मत है कि भारत माता की जय लगाने वाले लोग जान बूझकर खास तबके के लोगों को प्रतिक्रिया देने के लिए उत्तेजित करना चाहते हैं। इससे देश में भाईचारे और देश की अखंडता को झटका लगा है। इस मामले में दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि विरोधी पक्ष के लोग जान बूझकर इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं। यह काम तथाकथित धर्मनिरपेक्षवादियों ( Secularist ) द्वारा किया जा रहा है।

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