सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को किया रद्द
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को कहा कि चुनाव न होने वाली सीटों पर नतीजों का ऐलान न किया जाए। निर्वाचन आयोग ने अपनी याचिका में कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कोर्ट ने कहा था कि ऑनलाइन नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के नामांकन पत्र को स्वीकार कर लिया जाए। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया।
कोर्ट के आदेश के बाद टीएमसी को लगा बड़ा झटका
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निर्वाचन आयोग ऐसे उम्मीदवारों को विजेता घोषित न करे, जहां पर किसी दूसरे दल के उम्मीदवार ने नामांकन ही दाखिल न किया हो। बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद टीएमसी के ऐसे 18 उम्मीदवारों को विजय घोषित कर दिया गया था जहां उनके विपक्ष में कोई भी उम्मीदवार नहीं था। अब ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ममता सरकार को एक बड़ा झटका लगा है।
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14 मई को होंगे पंचायत चुनाव
गौरतलब है कि 14 मई को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव होने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चुनाव के बाद सिर्फ उन्हीं सीटों का परिणाम घोषित किया जाए जहां अलग-अलग दल के नेता चुनाव में भाग लिए हों। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को यह निर्देश दिया है कि बिना कोर्ट के आदेश के 34 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवारों के नतीजे घोषित न किए जाएं जहां पर उनके सामने कोई प्रत्याशी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला बहुत ही बुरा था। कोर्ट ने कहा कि आखिर वह कैसे जनप्रतिनिधि एक्ट में आईटी एक्ट जोड़ सकता है।