शाह के इसी बयान पर ममता ने पलटवार किया है। ममता बनर्जी ने कहा कि हम एनआरसी को बंगाल में नहीं लागू होने देंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी बंगाल में रहने वाले किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं छीन सकता है। हम हिंदू और मुस्लिमों के आधार पर नहीं बांटते हैं।
तेजी से बदल रही है मौसम की चाल, देश के 11 राज्यों में जारी हुआ अब तक का सबसे बड़ा अलर्ट बुधवार को राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि असम में एनआरसी की प्रक्रिया हाथ में ली गई थी। एनआरसी की प्रक्रिया जब पूरे देश में होगी तो असम में एनआरसी की प्रक्रिया फिर से की जाएगी। किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।
एनआरसी के संबंध में बुधवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान तमाम सवाल पूछे गए जिनका जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने दिया। चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के बीच के अंतर को भी स्पष्ट किया।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से जुड़े सैयद नासिर हुसैन के सवाल के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लोगों को एनआरसी और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर कंफ्यूजन है। एनआरसी के अंदर कोई प्रावधान नहीं है कि और धर्मों के लोगों को रजिस्टर में ना लिया जाए। सभी धर्मों के लोगों को इसमें लिया जाएगा जो भारत के नागरिक हैं।