बॉम्बे हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक राज्यपाल की ओर से एसईबीसी अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब शैक्षिक वर्ष 2019 – 20 से एसईबीसी उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने चार मई को कहा था कि राज्य की तरफ से आठ मार्च को सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को दिया गया 16 प्रतिशत आरक्षण इस साल के स्नातकोत्तर मेडिकल एवं डेंटल कोर्स में प्रवेश के संबंध में लागू नहीं होगा।
एसईबीसी के छात्र 18 से 25 मई तक ले सकते हैं प्रवेश बॉम्बे हाईकोर्ट के इस रुख के बाद राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय ने अपील कर उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। ताकि उन्हें अपील करने का समय मिले। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा कि प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अधिनियम लागू किया गया और एसईबीसी अधिनियम का अनुच्छे 16(2) ऐसी स्थिती में आरक्षण को खारिज करता है। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि एसईबीसी के तहत प्रवेश पाने वाले इन छात्रों को अखिल भारतीय कोटे के तहत प्रवेश दिया गया था जिससे उन्होंने रद्द कर दिया था। ऐसे में छात्रों का एक साल खराब हो सकता है। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवेश की समय सीमा 18 मई से 25 मई तक बढ़ा दी है।
बता दें कि 30 नवंबर, 2018 को महाराष्ट्र सरकार ने एसईबीसी के तहत मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव दिया था। राज्य सरकार पर पहले से उचित कानूनी सावधानी न बरतने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों ने रविवार को मुख्यमंत्री के बंगले की घेराबंदी करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया