आपको बता दें कि हाजी अराफात शेख एक समय में शिवसेना में हुआ करते थे। जब बीजेपी का कद प्रदेश में बढ़ा तो अराफात ने शिवसेना को बाय-बाय कर दिया।
सुबह के सन्नाटे में दी जाएगी निर्भया के दोषियों को फांसी, ये खास लोग रहेंगे मौजूद अराफात के शिवसेना से बगावत के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पार्टी के कई नेताओं को नाराज किया और अराफात को सिर आंखों पर बिठाया। यही नहीं उन्हें राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बना दिया।
आयोग के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। शेख ने 4 सिंतबर, 2018 को अपना पदभार संभाला था। राज्य में अब शिवसेना की सरकार बन गई है। ऐसे में, अराफात शिवसेना के आंख की किरकिरी बने हुए थे।
बीजेपी के दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर को लेकर आई बड़ी खबर, इस बयान की वजह से बढ़ा सीएम प्रमोद सावंत का काम बहरहाल उद्धव सरकार को झटके के तौर पर एक बागी से बदला भी पूरा हुआ।
हाजी अराफात शेख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा भेज दिया। चार पन्ने के इस्तीफे में अराफात ने अपने कामकाज का विस्तृत ब्योरा दिया है।