राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि इस तरह की तुलना करने के लिए पहले भी अजय कुमार बिष्ट और विजय गोयल जैसे कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रयास किए गए थे। थोराट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वार्थपूर्ण राजनीति कर रहे हैं और उन्होंने सीएए-एनआरसी के साथ देश को विभाजित करने का काम किया है। थोराट ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में विमुद्रीकरण के बाद जनता को परेशान किया गया, देश को निरंकुश तरीके से शासित किया जा रहा है। मोदी की तुलना महान छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ कभी भी नहीं हो सकती है।
थोराट ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सभी धर्मों के लोगों को ‘स्वराज्य’ का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एकजुट किया। मोदी महान मराठा सम्राट के ‘पैर के नाखून’ के बराबर भी नहीं है। थोराट ने किताब के खिलाफ 14 जनवरी को सभी शहरों, जिलों और तालुका में भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। दूसरी ओर राउत ने ‘आज के शिवाजी : नरेंद्र मोदी’ किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
राउत ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि भाजपा को तुरंत इस किताब को वापस लेना चाहिए और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करते हुए किताब को प्रतिबंधित करना चाहिए। भाजपा के एक कार्यकर्ता द्वारा लिखी गई किताब में छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना नरेंद्र मोदी से करने पर महाविकास आघाडी के तीनों दलों ने भाजपा पर हमले किए हैं। इसके साथ ही अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले ने भी इसे अनुचित बताया है।
राउत ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे राष्ट्रीय नायक हैं। प्रधानमंत्री मोदी देश के सम्मानित नेता हैं। कोल्हापुर के छत्रपति के वंशज और सतारा राजवंश को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।