बैठक में हुई चर्चा के बाद शिवसेना को गृह मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय मिल सकता है। जबकि एनसीपी को वित्त व हाउसिंग मंत्रालय मिलने की बात सामने आई है। कांग्रेस की बात करें तो उसे प्रदेश में राजस्व, इंडस्ट्री, ऊर्जा व आदिवासी विकास मंत्रालय मिल सकता है।
जिस तरह से एनसीपी में अजित पवार ने पार्टी में बगावत की थी उसके बाद गठबंधन के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई थी। लेकिन उनकी वापसी के बाद सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया।
गुजरात दंगों को लेकर सामने आई नानावटी आयोग की अंतिम रिपोर्ट, नरेंद्र मोदी को लेकर सामने आया चौंकाने वाला खुलासा अजित पवार बन सकते हैं डिप्टी सीएम
बैठक में हुई चर्चा के बाद सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
बैठक में हुई चर्चा के बाद सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मंत्रालयों का बंटवारा तकरीबन हो चुका है और जल्द ही मंत्रालयों के बंटवारे का ऐलान कर देंगे। कैबिनेट के विस्तार के बाद नए मंत्रियों को उनके मंत्रालय सौंप दिए जाएंगे।
उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। बीजेपी के लिए आई सबसे बुरी खबर, शिवसेना एक बार फिर दे दिया सबसे बड़ा झटका ठाकरे की अगुवाई में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार ने सदन में अपना फ्लोर टेस्ट जीता था।
30 नवंबर को हुए फ्लोर टेस्ट में गठबंधन के पक्ष में कुल 169 विधायकों ने वोट दिया। अहम बात यह है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए तीनों ही दल कांग्रेस, शिवसेना व एनसीपी ने अपनी विचारधारा की विपरीत जाकर गठबंधन किया ताकि वह बीजेपी को सत्ता से बाहर रख सकें।