इस बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक भी शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ? के संपर्क में हैं।
सूत्रों की मानें तो भाजपा के 7 विधायकों ने एनसीपी नेता अजीत पवार से फोन पर संपर्क साधा है। आपको बता दें कि अजीत एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे हैं।
महाराष्ट्र में खत्म हुआ सियासी ड्रामा! शिवसेना-NCP नहीं इस पार्टी के हाथ में आई सत्ता की चाबी
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने कवायद में शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भाजपा से संबंध तोड़ लिए हैं। अब शिवसेना को एनसीपी के समर्थन का इंतजार है।
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वहीं, प्रदेश में कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों के शिवसेना और राकांपा को समर्थन देने की खबरें हैं, वहीं कांग्रेस नेतृत्व सोमवार शाम तक अंतिम निर्णय लेगा।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार सुबह अहमद पटेल, अंबिका सोनी, मल्किार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर महाराष्ट्र में सरकार गठन में पार्टी की संभावनाओं पर चर्चा की।
बैठक के बाद महाराष्ट्र प्रभारी खड़गे ने कहा कि हमने महाराष्ट्र पर चर्चा की। हमने शाम चार बजे दोबारा बैठक बुलाई है, जिसमें महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता भी शामिल होंगे।
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कांग्रेस ने खरीद-फरोख्त से बचने के लिए अपने 44 विधायकों को राजस्थान की राजधानी जयपुर भेज दिया है। भाजपा के सरकार बनाने से इंकार करने के बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
राज्य की 288 सीटों में से 56 जीतने वाली शिवसेना ने अपनी सहयोगी भाजपा से आधे-आधे कार्यकाल तक दोनों दलों का मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे भाजपा ने खारिज कर दिया था।
इस चुनाव में राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं, वहीं भाजपा ने 105 सीटें जीती थीं।