फडणवीस ने कहा कि वंदे मातरम् से सत्र की शुरुआत क्यों नहीं हुई। भाजपा के सभी सदस्यों ने एक साथ नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आ गए। भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे ने सदन से शांति बनाकर कार्यवाही चलने देने की अपील की।
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भाजपा ने अजित पवार के साथ बनाई थी सरकार
गौरतलब है कि 26 नवंबर को भाजपा ने अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वहीं अजित पवार डिप्टी सीएम बने थे। बीजेपी के प्रो-टेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराया था। लेकिन 80 घंटे के भीतर ही सरकार गिर गई थी। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस को बहुमत साबित करने का आदेश दिया । लेकिन बहुमत नहीं होने के चलते अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। कुछ देर बार देवेंद्र फडणवीस ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इससे पहले शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस ने दावा किया था कि उनके पास 165 से अधिक विधायकों का समर्थन है। बता दें कि 288 विधानसभा सीट में बहुमत के लिए 145 विधायकों का होना जरूरी है। ऐसे में महा विकास अघाड़ी को 169 विधायकों का समर्थन मिला है।