एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि सरकार बनाने के लिए हमे शिवसेना की नई शर्तें मंजूर नहीं हैं, यही वजह है कि हम सरकार नहीं बना पाए।
एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को सबको मौका दिया गया था।
इस दौरान शिवसेना को लेकर अमित शाह से पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “हम में ऐसे संस्कार नहीं कि, बंद कमरे में हुई बातों को सार्वजनिक कर दें।
उन्होंने कहा कि हमने किसी के साथ कोई धोखा नहीं किया। यही नहीं अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने का सबसे अधिक खामियाजा भाजपा को भुगताना पड़ा है।
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क्यों कि राष्ट्रपति शासन लगने से हमारी कार्यकारी सरकार भी चली गई। विपक्षी पार्टियों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि सरकार बनाने के लिए सबको 18 दिन का समय दिया गया था।
अपना बहुमत साबित करने कोई भी राज्यपाल के पास नहीं गया, बावजूद इसके जब सबको आमंत्रित किया गया तो कोई सफल नहीं हो पाया।
ऐसे में राज्यपाल के पास केवल यही विकल्प शेष बचता था।
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अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी दलों के पास आज भी सरकार बनाने का मौका है। जिसके पास भी बहुमत हो वह राज्यपाल से मुलाकात कर अपना दावा पेश करे।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने दो दिनों का समय मांगा था, लेकिन हमले 6 महीने का समय दे दिया है।