अमित शाह-राहुल-मुलायम-महबूबा-आजम-जया की किस्मत दांव पर, 5 महत्वपूर्ण राज्यों के ये हैं सियासी समीकरण
तीसरे चरण के लिए यह पांच राज्य हैं बेहद महत्वपूर्ण
राहुल गांधी से लेकर अमित शाह की किस्मत लगी है दांव पर
कहीं भाजपा का पलड़ा भारी, तो कहीं सपा-बसपा और कांग्रेस है हावी
अमित शाह-राहुल-मुलायम-महबूबा-आजम-जया की किस्मत दांव पर, 5 महत्वपूर्ण राज्यों के ये हैं सियासी समीकरण
नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Election) के महाकुंभ में तीसरे चरण के लिए मतदान शुरू हो चुका है। 17वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव का यह सबसे बड़ा चरण है। तीसरे चरण (Third Phase) के लिए 12 राज्यों (States) और दो केन्द्र शासित प्रदेशों (Union Territories) की 115 सीटों पर वोटिंग हो रही है। कुल 1630 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। इसके अलावा तमिलनाडु की वेल्लोर और त्रिपुरा की त्रिपुरा पूर्वी सीट पर चुनाव हो रहे हैं, जहां दूसरे चरण में वोटिंग होनी थी। इस चरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ देश के दिग्गज नेताओं ने प्रचार-प्रसार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
तीसरे चरण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह , भाजपा नेता वरुण गांधी , समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव, पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती, सपा नेता आजम खान , भाजपा नेत्री जया प्रदा, शिवपाल सिंह यादव और संतोष गंगवार जैसे दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है।
इन पांच राज्यों पर नजर तीसरे चरण में वैसे तो 12 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों में चुनाव हो रहे हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा जिन पांच राज्यों पर देश और नेताओं की नजरें टिकी है, उनमें केरल, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की सीटें शामिल हैं।
केरल सबसे ज्यादा जिस राज्य पर लोगों की नजरें टिकी है वो है केरल। क्योंकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट (अमेठी के अलावा) से चुनाव लड़ रहे हैं। लिहाजा, केरल इस बार बेहद खास बन गया है। एक ओर जहां कांग्रेस ने केरल के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं भाजपा ने राहुल गांधी को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद यहां चुनावी रैलियां कर चुके हैं। वहीं, राहुल गांधी के लिए प्रिंयका गांधी ने रोड शो तक किया। ऐसे में दोनों ही पार्टियों के लिए केरल इस बार बेहद खास बन चुका है।
लोकसभा सीटें केरल में एक साथ सभी सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। कासरगोड, कण्णूर, वडाकारा, वयनाड,कोझिकोड, मलप्पुरम, पालक्काड, पोन्नानी, तृश्शूर, एर्ण्णाकुलम, इड्डुक्कि, कोट्टयम, आलप्पुषा, पत्तनंतिट्टा, कोल्लम, तिरुवनन्तपुरम। VVIP उम्मीदवार राहुल गांधी (वायनाड) और शशि थरूर (तिरुवनन्तपुरम)। वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ एनडीए के उम्मीदवार तुसार वेल्लापल्ली हैं। वहीं, तिरुवनन्तपुरम में शशि थरूर (कांग्रेस), मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और भाजपा प्रत्याशी कुम्मनम राजशेखरन और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के विधायक और पूर्व राज्यमंत्री सी दिवाकरन के बीच मुकाबला है।
चुनावी समीकरण वैसे तो केरल में वामपंथी गठबंधन LDF और कांग्रेस नीत गठबंधन UDF के बीच ही मुकाबला होता आया है। लेकिन, इस बार भाजपा ने यहां अपनी सक्रियता बढ़ाई है। केरल की कुल आबादी में 52 फीसदी हिंदू, 26 फीसदी मुस्लिम और 18 फीसदी ईसाई हैं। हिंदुओं में से 16 फीसदी उच्च जाति के नायर हैं। केरल में इस बार सबरीमला का मुद्दा असर दिखा सकता है, जिसे भाजपा ने भुनाने की पूरी कोशिश की है। गौरतलब है कि केरल ही देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां वाम दलों की सरकार है। इस बार कयास यह लगाया जा रहा है कि भाजपा यहां खाता खोल सकती है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी दावा किया है कि हम केरल में कम से कम पांच सीटें जीतेंगे।
गुजरात ( 26 सीटें) इस बार गुजरात ज्यादा चर्चा में नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वडोदरा से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। लेकिन, गुजरात में सबसे बड़ा बदलाव भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि, वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
लोकसभा सीटें गुजरात में एक साथ सभी 26 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। खेड़ा, आणंद, सुरेंद्रनगर, जामनगर, पोरबंदर, भरूच, गांधीनगर, अहमदाबाद पूर्व, अहमदाबाद पश्चिम, राजकोट, भावनगर, कच्छ, पांचमहल, वडोदरा, मेहसाणा, अमरेली, छोटा उदयपुर, सूरत, नवसारी, वलसाड,बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन, जूनागढ़, दाहोद, बारडोली।
VVIP उम्मीदवार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले इस सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ते थे। भाजपा की यह परंपरागत सीट है। इसके अलावा आणंद, अमरेली सहित दस हॉट सीट ऐसी हैं, जिन पर नजरें रहेंगी।
चुनावी समीकरण महिला आरक्षण का दावा करने वाली कांग्रेस ने एक ही महिला को टिकट दी। वहीं, भाजपा ने छह महिलाओं को टिकट दिया है। 2014 के चुनाव में भाजपा ने सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी, इसलिए कांग्रेस के लिए इस बार बड़ी चुनौती है। कांग्रेस पाटीदार आरक्षण आंदेालन से उभरे नेता हार्दिक पटेल पर खूब भरोसा जताया था, पार्टी ने उन्हें प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर भी दिया। लेकिन उनके कांग्रेस में शामिल हो जाने से उनके संगठन में ही दो फाड़ हो गए। गांधीनगर सीट की बात करें तो यहां पाटीदार व क्षत्रिय मतदाता बहुल हैं, लेकिन भाजपा यहां से सबसे बड़ी लीड से चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है। अमित शाह बीते 30 साल से इस संसदीय क्षेत्र से जुड़े हैं। एनसीपी नेता शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस के समर्थन में आ गए, लेकिन उनकी प्रासंगिकता राज्यसभा चुनाव के साथ ही समाप्त हो चुकी है।
कर्नाटक (14 सीटें) केरल के अलावा दक्षिण भारत में भाजपा की नजरें जिस राज्य पर टिकी है, वो है कर्नाटक। प्रधानमंत्री नरेन्द्र से लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने यहां खूब रैलियां और रोड शो तक की है। विधानसभा चुनाव में पार्टी जीतते हार गई थी। लिहाजा, इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव में किला पतह करना चाहती है।
लोकसभा की सीटें कर्नाटक में लोकसभा की कुल 28 सीटे हैं। इस बार यहां दो चरणों में मतदान हो रहे हैं। पहले चरण (18 अप्रैल) को 14 सीटों पर वोटिंग हुई थी। वहीं, अब 14 सीटों पर मतदान होंगे। बीजापुर, गुलबर्गा, रायचूर, बीदर, कोप्पल, चिक्कोडी, बेलगांव, बगलकोट, धारवाड़ा, उत्तर कन्नड़, बेल्लारी, हावेरी, शिमोगा, दावणगेरे।
2014 के परिणाम
2014 में भाजपा ने 17, कांग्रेस ने 9 और जेडीएस ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चर्चित चेहरे कर्नाटक में गुलबर्गा से कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, उत्तर कन्नड से केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े, भाजपा के टिकट पर येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र शिवमोगा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश (10) देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश भूमिका बेहद अहम होती है। सरकार बनाने से लेकर गिराने तक में यूपी की भूमिका हमेशा से रही है। यूपी इसलिए भी अब खास है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस से चुनाव लड़ते हैं। 2014 की तरह भाजपा एक बार फिर यहां से हुंकार भरने की तैयारी में है।
लोकसभा सीटें उत्तर प्रदेश की जिन 10 सीटों पर मतदान होंगे, उनमें संभल, मुरादाबाद, रामपुर, एटा, बदायूं, फिरोजाबाद, मैनपुरी, आंवला, बरेली, पीलीभीत शामिल हैं। चर्चित चेहरे मुलायम सिंह यादव(मैनपुरी), आजम खान-जया प्रदा (रामपुर), वरुण गांधी (पीलीभीत)
चुनावी समीकरण लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश में उन क्षेत्रों में मतदान होगा जिन्हें कद्दावर यादव नेता मुलायम सिंह यादव के परिवार का गढ़ माना जाता है। इस चरण में एसपी-बीएसपी-आरएलडी का महागठबंधन जातिगत समीकरणों को लेकर ज्यादा मजबूत दिख रहा है। जबकि भारतीय जनता पार्टी को इन सीटों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी के लिए सबसे सुरक्षित सीट मैनपुरी है जहां से पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव प्रत्याशी अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं। मुलायम सिंह यादव 2014 में मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों जगहों से निर्वाचित हुए थे, लेकिन बाद में उन्होंने आजमगढ़ को ही चुना। रामपुर में बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा और एसपी के आजम खान के बीच मुकाबला है। पीलीभीत में भाजपा सांसद वरुण गांधी को एसपी के हेमराज वर्मा चुनौती दे रहे हैं। गौरतलब है कि पिछली बार पीलीभीत से मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन, पार्टी ने इस बार सीटों की फेरबदल कर दी। वहीं, मुरादाबाद में बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश सिंह को युवा कवि इमरान प्रतागढ़ी चुनौती दे रहे हैं।
महाराष्ट्र (14 सीटें) महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटे हैं, जिसमें 14 सीटों पर मतदान होने हैं। रावेर, जलगांव, औरंगाबाद, जालन, पुणे, बारामती, रायगढ़, सातारा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, अहमदनगर, मढ़ा, सांगली, कोल्हापुर, हटकानांगले । चुनावी समीकरण
जिन 14 सीटों पर चुनाव होने हैं, उनपर 2014 में भाजपा और शिवसेना गठबंधन ने कांग्रेस और एनसीपी का पूरी तरह से सफाया कर दिया था। जबकि यह इलाका शरद पवार का गढ़ माना जाता है। भाजपा यहां 6, शिवसेना तीन और एनसीपी 4 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। ऐसे में कांग्रेस के सामने जहां खाता खोलने की बड़ी चुनौती है। वहीं, बीजेपी और शिवसेना के लिए अपने वर्चस्व को बरकरार रखना आसान नहीं है। महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण की बात करें तो कांग्रेस और एनसीपी मिलकर चुनावी रही है। महाराष्ट्र में 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भी शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन है। जिसमें दोनों पार्टियों के बीच 25-23 का फॉर्मूला तय है, यानी कुल 48 लोकसभा सीटों में से शिवसेना 23 और भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
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