राजनीति

लोकसभा चुनाव 2019 में साधु संत भी ठोक रहे ताल, साक्षी महाराज से लेकर बाबा बालकनाथ तक मैदान में

लोकसभा चुनाव में खिलाड़ी और अभिनेताओं के साथ साधु संत भी ठोक रहे ताल।
भाजपा और कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने साधुओं का दिया टिकट।
साक्षी महाराज उन्नाव सीट तो साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भोजपा से लड़ रहीं चुनाव।

May 10, 2019 / 09:32 am

Mohit sharma

लोकसभा चुनाव 2019 में साधू संत भी ठोक रहे ताल, साक्षी महाराज से लेकर बाबा बालकनाथ तक मैदान में

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर इस समय देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ। चुनाव के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं, जबकि दो चरणों के लिए अभी मतदान कराया जाना शेष है। 2019 के इस लोकसभा चुनाव फिल्मी कलाकारों से खेल जगत से जुड़ी बड़ी शख्सियत अपना भाग्य आजमा रहे हैं। यूं तो यह चुनाव कई मायनों में काफी अहम है, लेकिन यहां एक खास बात यह है कि इस बार अभिनेत्री, अभिनेताओं और खिलाड़ियों के साथ साधु संत भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे साधु संतों के बारे में जो सियासी चोला ओढ़ अपना रानजीति भविष्य चमकाने की राह पर हैं—

 

साक्षी महाराज— उत्तर प्रदेश की उन्नाव सीट

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की उन्नाव सीट से साक्षी महाराज को उम्मीदवार बनाया है। 63 वर्षीय साक्षी महाराज अपने बयानबाजी और तीखी प्रतिक्रियाओं को लेकर काफी मशहूर हैं। हालांकि साक्षी महाराज पांच बार सांसद रह चुके हैं। साक्षी 1991 में मथुरा से पहली बार सांसद बने। इसके बाद उन्होंने 1996, 1998 में फर्रुखाबाद से भी लोकसभा का चुनाव जीता। साक्षी महाराज 2000 में राज्यसभा के सदस्य भी रहे। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस की प्रत्याशी अन्नू टंडन और गठबंधन के प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला से है।

 

loksabha election 2019
प्रज्ञा ठाकुर— भोपाल सीट

भारतीय जनता पार्टी ने साम्प्रदायिक सद्भाव और गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाने वाला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अपना उम्मीदवार चुना है। साध्वी को चुनावी मैदान में उतार भाजपा ‘हिंदुत्व’ चुनावी मुद्दा बनाने के प्रयास में है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर माले गांव बम धमाकों की मुख्य आरोपी रह चुकी हैं। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है।

प्रमोद कृष्णम— लखनऊ सीट

उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित सीट लखनऊ भाजपा की परंपरागत सीट माना जाता है। 1991 में दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जीत के बाद से भाजपा ने यहां से कभी चुनाव नहीं हारा। भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस ने यहां से प्रमोद कृष्णम पर दांव लगाया है। प्रमोद का सीधा मुकाबला केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा उम्मीदवार राजनाथ सिंह से है। हालांकि यहां गठबंधन के टिकट पर लड़ रही कांग्रेस नेता और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा की स्थिति भी मजबूत मानी जा रही है।
 

 

सुमेधानंद सरस्वती— सीकर सीट

साधु संतों के सियासी संग्राम के मामले में राजस्थान भी पीछे नहीं है। यहां भाजपा ने सीकर सीट से सांसद सुमेधानंद सरस्वती को एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है।

बाबा बालकनाथ— अलवर सीट

इसके साथ ही अलवर सीट पर उसने बाबा बालकनाथ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां एक खास बता यह भी है कि अलवर लोकसभा सीट पर बाबा बालकनाथ (35 वर्ष) सबसे युवा प्रत्याशी हैं। दरअसल, बालक नाथ रोहतक के मस्तनाथ मठ के महंत हैं। उनका मुकाबला यहां भंवर जितेंद्र सिंह है।

 

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