दरअसल चिराग को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया है। इस गुट ने दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई और हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस ( Pashupati Kumar Paras ) को अपना नेता चुन लिया है। माना जा रहा है कि सभी सांसद चिराग के एक तरफा फैसलों से भी काफी नाराज हैं।
यह भी पढ़ेँः शरद पवार और प्रशांत किशोर के बीच 3 घंटे की मुलाकात से सियासी हलचल तेज, जानिए क्या बोले पीके बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के छह सांसदों में से पांच ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी है। इससे चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है। छह में पांच सांसदों का इस तरह चिराग से किनारा करना इस बात को दर्शाता है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था।
चिराग पासवान से नाराज पांच सांसदों ने उनकी तरफ से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक चिट्ठी भी लिखी है। इस चिट्ठी में मांग की गई है कि अब उन्हें अलग मान्यता दी जाए।
इन सांसदों ने की बगावत
चिराग पासवान के खिलाफ जिन सांसदों ने बगावत की है उनमें पहले हैं उनके चाचा पाशुपति पारस पासवान, जबकि दूसरे प्रिंस राज जो चिराग के चचेरे भाई हैं, तीसरे चंदन सिंह, चौथी वीणा देवी और पांचवे सांसद हैं महबूब अली केशर।
चिराग पासवान के खिलाफ जिन सांसदों ने बगावत की है उनमें पहले हैं उनके चाचा पाशुपति पारस पासवान, जबकि दूसरे प्रिंस राज जो चिराग के चचेरे भाई हैं, तीसरे चंदन सिंह, चौथी वीणा देवी और पांचवे सांसद हैं महबूब अली केशर।
बगावत के पीछे ये बड़े कारण
पार्टी में बगावत के पीछे की वजह चिराग पासवान और उनके सलाहकार से लंबे से नाराजगी भी बताई जा रही है। दरअसल इन सांसदों ने कई बार इस असंतोष को चिराग के सामने जाहिर भी किया, लेकिन चिराग की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाने और एक तरफा फैसले लेते रहने के कारण सांसदों में असंतोष बढ़ता गया।
पार्टी में बगावत के पीछे की वजह चिराग पासवान और उनके सलाहकार से लंबे से नाराजगी भी बताई जा रही है। दरअसल इन सांसदों ने कई बार इस असंतोष को चिराग के सामने जाहिर भी किया, लेकिन चिराग की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाने और एक तरफा फैसले लेते रहने के कारण सांसदों में असंतोष बढ़ता गया।
राम विलास पासवान के निधन के बाद विधानसभा चुनाव में एकतरफा फैसले से ही कई सांसद नाराज थे।
सूत्रों की मानें तो पशुपति कुमार पारस पिछले कुछ दिनों से पटना में थे। यहीं पर वे इस सियासी घटनाक्रम की पटकथा लिख रहे थे। पटना में उनकी मुलाकात जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बड़े नेता ललन सिंह से कई बार हुई।
सूत्रों की मानें तो पशुपति कुमार पारस पिछले कुछ दिनों से पटना में थे। यहीं पर वे इस सियासी घटनाक्रम की पटकथा लिख रहे थे। पटना में उनकी मुलाकात जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बड़े नेता ललन सिंह से कई बार हुई।
यही नहीं एक दिन पहले यानी रविवार की सुबह पशुपति कुमार पारस और एलजेपी के पूर्व सांसद सूरज भान सिंह दिल्ली गए। इसके सथ ही सूरजभान सिंह के भाई और नवादा से एलजेपी सांसद चंदन सिंह को भी दिल्ली बुलाया गया। वहीं वैशाली सांसद वीणा सिंह, खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर, प्रिंस राज पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। इन सभी की मुलाकात में ये तय हुआ कि उनका नेता चिराग नहीं बल्कि पशुपति पारस होंगे
सियासी हलचल बढ़ी
एलजेपी में टूट की खबर लगते ही बिहार में सियासी हलचलें भी तेज हो गई हैं। इस बीच हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने चिराग पर निशाना साधा है। ‘हम’ ने कहा है कि अकेले चिराग ने राम विलास पासवान के सपनों के बंगले में आग लगा दी।
पहले भी टूट की बात आई थी सामने
दरअसल ये पहली बार नहीं है, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले भी पार्टी के सांसदों में टूट की बात सामने आई थी। उस वक्त भी बागी सांसदों का नेतृत्व पशुपति कुमार पारस ही कर रहे थे।
हालांकि, बाद में अपने लेटर हेड पर इन चर्चाओं का खंडन कर पारस ने इस मामले पर विराम लगा दिया था। लेकिन चिराग के खिलाफ पार्टी में नाराजगी कम नहीं हुई। यह भी पढ़ेँः महाराष्ट्र: संजय राउत बोले- बीजेपी सरकार में शिवसेना को खत्म करने की हुई कोशिश, उद्धव ठाकरे 5 साल पूरे करेंगे
जेडीयू ने भी एलजेपी पर बोला था हमला
विधानसभा चुनाव में लोजपा के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद यह नाराजगी चरम पर पहुंच गई। साथ ही जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी कई सीटों पर हार के लिए एलजेपी को जिम्मेदार बताया था।
विधानसभा चुनाव में लोजपा के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद यह नाराजगी चरम पर पहुंच गई। साथ ही जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी कई सीटों पर हार के लिए एलजेपी को जिम्मेदार बताया था।
अब माना जा रहा है कि ये सभी नाराज पांच सांसद जेडीयू के संपर्क में हैं और आने वाले दिनों में जेडीयू का दामन भी थाम सकते हैं। इसमें पर्दे के पीछे से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी बड़ी भूमिका निभा सकता है।