इसी कड़ी में अब नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) के पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला ( Omar Abdullah ) ने की प्रतिक्रिया सामने आई है। लखीमपुर में हुई घटना को लेकर उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के डिप्टी चीफ उमर अब्दुल्ला ने लखीमपुर हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नया जम्मू और कश्मीर बन गया है। बता दें कि लखीमपुर हिंसा को लेकर तमाम राजनीतिक दलों से प्रतिनिधियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इसी कड़ी में शिवेसना सांसद संजय राउत ने सरकार पर निशाना साधा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के डिप्टी चीफ उमर अब्दुल्ला ने लखीमपुर हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नया जम्मू और कश्मीर बन गया है। बता दें कि लखीमपुर हिंसा को लेकर तमाम राजनीतिक दलों से प्रतिनिधियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इसी कड़ी में शिवेसना सांसद संजय राउत ने सरकार पर निशाना साधा।
राउत ने सत्ताधारी पार्टी से पूछा है कि क्या किसानों के साथ क्रूर व्यवहार बीजेपी की आधिकारिक नीति है? इतना ही नहीं राउत ने मोदी सरकार की तुलना ब्रिटिश शासन से भी की और क्रांतिकारी बाबू जेनु का जिक्र किया।
उन्होंने इस घटना की तुलना ब्रिटिश शासन काल से की है। राउत ने विरोधी दलों के नेताओं के प्रवेश पर रोक और हिरासत में लिए जाने पर एतराज जताया है। बता दें कि कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के काफिले के बीच रविवार को हिंसक टकराव हो गया।
तिकुनिया कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी।
किसानों के मुताबिक, मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से चालक सहित और तीन भाजपाइयों की भी मौत हो गई। यह भी पढ़ेंः Lakhimpur Kheri Violence: प्रियंका गांधी हिरासत में, चंद्रशेखर को भी रोका, अखिलेश यादव घर में नजरबंद, ट्रक खड़ा कर रोका गया रास्ता इस घटना के बाद 10 से ज्यादा घायल किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसानों का कहना है कि उन्होंने मंत्री के बेटे के काफिले को रोका तो नारे लगाते हुए उन पर गाड़ी चढ़ा दी गई।
बवाल के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत के दिल्ली से कूच करने की सूचना के बाद किसानों ने कस्बे के इंटर कॉलेज में मृत किसानों के शव रखकर धरना शुरू कर दिया।