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बता दें कि कलराज मिश्र भाजपा ( BJP ) के बड़े नेताओं में से एक हैं। बीते लोकसभा चुनाव ( lok sabha election ) में कलराज मिश्र ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान कलराज मिश्र ने कहा था कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। भाजपा ने उन्हें कई अन्य जिम्मेदारियां दी हैं, इसलिए उसी में अपना पूरा समय लगाएंगे। कलराज मिश्रा
कलराज मिश्रा ( Kalraj Mishra ) भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। वह तीन बार राज्यसभा सांसद चुने जा चुके हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। उस दौरान उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इसके बाद उन्होंने सितंबर 2017 में पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, अगस्त 2018 तक वह रक्षा मामलों के स्थायी समिति के सदस्य भी रहे थे। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के देवरिया सीट से चुनाव लड़ा था।
यहां उन्होंने BSP के नियाज अहमद को भारी मतों से हराया था। उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। मिश्रा ने इसके पीछे की वजह पार्टी की ओर से दी गई अन्य जिम्मेदारी को बताया था।
आचार्य देवव्रत आचार्य देवव्रत ( Acharya DevVrat ) मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं। 60 साल के आचार्य देवव्रत का जन्म 18 जनवरी 1959 को हरियाणा के समालखा में हुआ था।
बता दें कि देवव्रत हिमाचल के राज्यपाल के अलावा, राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी हैं। उन्हें 12 अगस्त 2015 में हिमाचल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। लेकिन अब उन्हें हिमाचल से गुजरात भेज दिया गया है। इससे पहले वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र के गुरुकुल में प्रधानाचार्य थे।
उन्हें ईमानदारी, अनुशासन, समय की पाबंदी के लिए जाना जाता है।