राजनीति

नहीं रहे 58 शादी करने वाले झारखंडी गांधी, एक मजदूर के लिए गिरा दी थी सरकार

ब्रेन स्ट्रोक और पैरालिलिस अटैक के चलते उन्हे 2 मई को जमशेदपुर के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल भर्ती कराया गया था।

Jun 23, 2018 / 03:16 pm

Mohit sharma

नहीं रहे 58 शादी करने वाली झारखंडी गांधी, एक मजदूर के लिए गिरा दी थी सरकार

नई दिल्ली। झारखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बागुन सुंबरुई का निधन हो गया है। चार बार विधायक और पांच बार सांसद रहे सुंबरुई 94 साल के थे। ब्रेन स्ट्रोक और पैरालिलिस अटैक के चलते उन्हे 2 मई को जमशेदपुर के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली। बागुन झारखंड के गांधी के नाम से मशहूर थे। उन पर यह गांधी जी का ही प्रभाव था कि उन्होंने पूरी उम्र केवल एक धोती बांध कर ही जीवन यापन किया। बागुन ने सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत को ही अपने जीवन में अपनाया और समाज में बुराई और कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया।

पूर्व सेना अफसर हो सकता है जम्मू-कश्मीर का अगला राज्यपाल, दौड़ में ये नाम शामिल

24 फरवरी 1924 को चाईबासा के एक आदिवासी परिवार में जन्मे सुंबरुई ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अभियान छेड़ा था। हालांकि उनकी सियासी पारी 1967 में झारखंड पार्टी से शुरु हुई। बताया जाता है कि जब बिहार में दारोगा प्रसाद राय की सरकार थी तो सुंबरुई ने एक बस कंडक्टर के लिए बहुत कदम उठाया था। उस समय दारोगा राय की सरकार झारखंड पार्टी के 11 विधायकों की सपोर्ट से चल रही थी। तभी बिहार राज्य परिवहन में कार्यरत एक आदिवासी कर्मचारी को हटा दिया गया था। इस बात की जानकारी जब सुंबरुई को मिली तो वह इस बात से खासे नाराज हुए और इसके लिए मुख्यमंत्री दारोगा राय से मिलने पहुंच गए, लेकिन सीएम कार्यालय में उनकी बात पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। बस फिर क्या था सुंबरुई ने सरकार से अपना हाथ खींच लिया। दारोगा राय की सरकार के बाद राज्य में कर्पूरी ठाकुर की सरकार सत्ता में आई। यह सुंबरुई की जिद ही थी कि उनको कर्पूरी सरकार में परिवहन मंत्री बनाया गया। मंत्री बनते ही सुंबरुई ने सबसे पहले बस कंडक्टर का निंलबन वापस लिया और फिर से सेवा का मौका दिया।

दाती महाराज केस में पीड़िता का बयान, कई लड़कियों को अपना शिकार बना चुका है बाबा

हालांकि सुंबरुई केवल 7वीं कक्षा तक ही पढ़ाई कर पाए थे, बावजूद इसके उनको कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, संथाली, बांग्ला व ओड़िया भाषा की उनको अच्छी जानकारी थी। उनके बारे में एक चर्चा यह भी है उन्होंने 58 शादियां की थी।

Hindi News / Political / नहीं रहे 58 शादी करने वाले झारखंडी गांधी, एक मजदूर के लिए गिरा दी थी सरकार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.