पुलिस के मुताबिक, “चैनपुर के कोशियारा में अपग्रेडेड मिडिल स्कूल के मतदान केंद्र संख्या 72 और 73 पर कांग्रेस के उम्मीदवार त्रिपाठी पहुंचे थे और चौरसिया के समर्थकों ने उन्हें मतदान केंद्र में घुसने से रोक दिया।
आरोप है कि चौरसिया समर्थकों ने त्रिपाठी को चारों तरफ से घेर लिया और उनके समर्थकों के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। बाद में, त्रिपाठी ने भीड़ के आक्रोश से बचाव के क्रम में पिस्तौल निकाल ली। जिस इलाके में यह घटना हुई है, वह भाजपा उम्मीदवार आलोक चौरसिया का गढ़ माना जाता है।”
पिस्तौल निकाले जाने के बाद चौरसिया के समर्थक और उग्र हो गए और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री को दूर तक खदेड़ दिया। साथ काफिले पर पथराव करते हुए तीन वाहनों के शीशे तोड़ दिए। इस दौरान हालांकि त्रिपाठी के अंगरक्षक उन्हें किसी तरह भीड़ के आक्रोश से बचाने में सफल रहे।
कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने कहा, “चौरसिया समर्थकों ने मुझ पर जानलेवा हमला किया। उन्होंने मेरे फॉरच्यूनर वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। मैं किसी तरह निकल पाने में कामयाब रहा। मैंने चुनाव आयोग, वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लचर सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बताया था। सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार द्वारा ‘बूथ कैप्चरिंग’ सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक संवेदनशील बूथों पर केवल होमगार्ड तैनात किए गए थे। प्रशासन ने सत्तारूढ़ पार्टी को मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम आठ बूथों पर कब्जा करने में मदद की।”
दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस उम्मीदवार मतदाताओं को डराने के लिए हथियार लहरा रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव ने कहा, “लगता है कांग्रेस का लोकतंत्र में नही ‘बंदूकतन्त्र’ पर भरोसा है। हम भारत के चुनाव आयोग से उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं।”
इस बीच, सूत्रों के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है और इस संबंध में पलामू जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।