तीन तलाक विधेयक के खिलाफ वोट
जेडीयू नेता के अनुसार ‘हम इसके खिलाफ है और हम इसके खिलाफ लगातार खड़े रहेंगे’। उन्होंने कहा कि तीन तलाक एक सामाजिक मुद्दा है और इसे सामाजिक स्तर पर समाज के द्वारा सुलझाया जाना चाहिए। रजक ने कहा कि जेडीयू ने राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक के खिलाफ वोट दिया था। इसके पहले नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर तीन तलाक विधेयक का विरोध किया था।
नीतीश कुमार ने रुख किया साफ
आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने पिछले दिनों अपना रुख दोहराते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाने, समान नागरिक संहिता लागू करने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराने के मामले या तो संवाद के जरिए सुलझाए जाएं या अदालत के आदेश के जरिए।
‘अनुच्छेद 370 समाप्त नहीं किया जाना चाहिए’
नीतीश ने कहा था कि यह हमारा विचार है कि अनुच्छेद 370 समाप्त नहीं किया जाना चाहिए। इसी तरह समान नागरिक संहिता किसी के ऊपर नहीं थोपी जानी चाहिए और अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा या तो संवाद के जरिए सुलझाया जाए या अदालत के आदेश के जरिए।”
संसद में कांग्रेस करेगी विरोध
वहीं, कांग्रेस ने भी संसद में तीन तलाक विधेयक का विरोध की बात कही है। कांग्रेस ने कहा कि विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चर्चा की जरूरत है। वहीं सरकार की सहयोगी जनता दल युनाइटेड भी इस विधेयक के खिलाफ है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि तीन तलाक पर हमने कुछ बुनियादी मुद्दे उठाए हैं। सरकार कई बिंदुओं पर सहमत हुई है। उन्होंने कहा कि अभी भी एक या दो बिंदु बचे हैं और उन बिंदुओं पर चर्चा की जरूरत है। हम इसका (विधेयक का) विरोध करेंगे।’