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जब BJP ने अपने सहयोगी दल को एक साथ दे दिया था रक्षा और रेल मंत्रालय
एक मंत्री बनाए जाने से JDU नाराज बिहार जेडीयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण ने कहा कि एक मंत्री पद मिलने से हम नाखुश हैं। इसलिए, हम सरकार से बाहर रहेंगे। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि जेडीयू अभी एनडीए का हिस्सा रहेगी। वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष
नीतीश कुमार ने कहा कि जो हमें चाहिए थी, वो
बीजेपी ने नहीं दिया। इसलिए, जेडीयू सरकार का हिस्सा नहीं रहेगी। दरअसल, नीतीश कुमार चाहते थे कि आरसीपी सिंह और लल्लन सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया जाए और संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री का दर्जा मिले। वहीं, पत्रिका डॉट काम ने जब जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं मालूम। न तो मैं दिल्ली में हूं और न ही पटना में। लेकिन, फिलहाल यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार में अब जेडीयू की कोई भागीदारी नहीं होगी।
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जब BJP ने अपने सहयोगी दल को एक साथ दे दिया था रक्षा और रेल मंत्रालय JDU को झटका गौरतलब है कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी ने बराबर-बराबर सीटों ( 17-17 ) पर चुनाव लड़ी थी। इनमें बीजेपी ने 17 और जेडीयू ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कयास लगाया जा रहा था कि 15 साल बाद बीजेपी के साथ केन्द्र में सरकार बना रही जेडीयू को कम से कम दो से तीन विभाग मिलेंगे। लेकिन, शपथ ग्रहण से ऐन पहले जेडीयू को बड़ा झटका लगा है और पार्टी ने सरकार से अलग रहने का फैसला किया है।