अमरनाथ का अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया है। कुछ दिनों पहले उन्हें उम्र संबंधी परेशानियों के कारण मंगलूरू के एजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भारत में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना वायरस, एक और पीड़ित ICU में भर्ती
निर्भया मामले में ब्रिटिश महिला का आया बड़ा बयान, मां को लेकर खोला बड़ा राज राजनीतिक सफर
जेडीएस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार अमरनाथ शेट्टी के राजनीतिक सफर की बात करें तो उनकी छवि एक ईमानदार और सभ्य राजनीतिज्ञ के तौर पर थी। अमरनाथ शेट्टी जमीन से जुड़े राजनेता माने जाते थे। लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए शेट्टी का खासतौर पर याद किया जाता है।
जेडीएस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार अमरनाथ शेट्टी के राजनीतिक सफर की बात करें तो उनकी छवि एक ईमानदार और सभ्य राजनीतिज्ञ के तौर पर थी। अमरनाथ शेट्टी जमीन से जुड़े राजनेता माने जाते थे। लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए शेट्टी का खासतौर पर याद किया जाता है।
शेट्टी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत भी जमीनी स्तर पर की। शेट्टी में 1965 में राजनीति में व्यापक रूप से एंट्री ली। उन्हें करकरा तालुक के पलाडका ग्राम पंचायत के अध्यक्ष चुना गया था।
इसके बाद वह मूदाबिदरी टीएमसी के अध्यक्ष बने थे। वह मूदाबिरी विधानसभा से तीन बार 1983, 1987 और 1994 में विधायक चुने गए थे। वह जेडीएस के शासन के दौरान पर्यटन और मुजराई मंत्री बने थे।
लगातार दो बार कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी के अभयचंद्र से हारने के बाद शेट्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। हालांकि सूत्रों की मानें तो सेहत खराब होने के चलते वो ठीक से राजनीति में सक्रीय नहीं रह पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने दूरी बना ली थी।