अमित शाह की गुगली में फंसे कपिल सिब्बल, कहा- ‘कोई नहीं कह रहा कि सीएए किसी की नागरिकता नेशनल काॅन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ 15 सितंबर, 2019 से पीएसए ( PSA ) के तहत केस दर्ज किया गया था। दिसंबर महीने में उनकी नजरबंदी 11 मार्च तक और बढ़ा दी गई थी। अब सरकार ने आज अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म करने का फैसला लिया है। वहीं बाकी दोनों पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ( Omar Abdullah and Mehbooba Mufti ) अभी हिरासत में ही रहेंगे।
जानिए 30 साल में कब-कब लोअर सर्किट की वजह से बंद हुआ शेयर बाजार में कारोबार? बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए वहां के स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर लिया गया था। इनमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन सहित कई नेता शामिल थे।
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister ) ने जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के हिरासत में रखे जाने पर नजरबंदी पर कहा था कि इन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों कि रिहाई के लिए वो खुद प्रार्थना कर रहे हैं। सिंह ने उम्मीद जताई थी कि रिहा होने के बाद तीनों पूर्व ब्ड कश्मीर के हालात को सामान्य बनाने और विकास करने में योगदान देंगे।