राज्य के पुंछ, राजौरी और किश्तवाड़ समेत कुछ जिलों में जहां मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गईं हैं, वहीं स्कूल-कॉलेज खुलने के बाद सड़कों पर भी चहल कदमी दिखाई देने लगी है।
ऐसे में सरकार हिरासत में लिए गए कुछ नेताओं को रिहा करने पर विचार कर रही है। हालांकि इन नेताओं को स्थानीय प्रशासन के मूल्यांकन के बाद ही चरणबद्ध तरीके से छोड़ा जाएगा।
आपको बता दें कि गुरुवार को श्रीनगर के 111 थाना क्षेत्रों में से 96 में निषेधाज्ञा नहीं थी।
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सूत्र के अनुसार जम्मू-कश्मीर में जैसे जैसे हालात सुधरते जाएंगे, वैसे-वैसे स्थानीय प्रशासन ने हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई पर काम करना शुरू कर देगा।
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इन नेताओं से अभी कोई बातचीत नहीं की गई है। लेकिन माना जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन ने इन नेताओं से संपर्क साध सकता है।
खबर तो यहां तक है कि श्रीनगर प्रशासन जमीनी हालात के आधार पर अगले कुछ दिनों में नेताओं की रिहाई कर सकता है।
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आपको बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने से पहले सरकार ने वहां पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और पूर्व मुख्यमत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था।
इसके साथ कुछ नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद रखा गया है।
सरकार ने यह कदम जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलने को लेकर एहतियातन तौर पर उठाया था।