चार किसानों की हत्या के आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे के मामले में निष्पक्ष जांच के बजाय केंद्रीय एजेंसियां 23 साल के लड़के के पीछे इस वजह से पड़ी हैं क्योंकि उसका उपनाम खान है।
यह भी पढ़ेंः Jammu Kashmir: आतंकियों के साथ एनकाउंटर में 1 JCO समेत 5 जवान शहीद ड्रग्स मामले में गिरफ्तार आर्यन खान मामले में अब पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की भी एंट्री हो गई है। जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम मुफ्ती ने कहा है कि बीजेपी के कोर वोट बैंक की इच्छाओं को पूरा करने के लिए मुसलमानों को निशाना बनाया जाता है। आर्यन खान को भी इसी के तहत परेशान किया जा रहा है।
बीजेपी का पलटवार वहीं महबूबा मुफ्ती के इस विवादित बयान के बाद घाटी की रजानीति भी गर्मा गई है। मुफ्ती के इस बयान पर बीजेपी नेता रवींद्र रैना ने पलटवार किया है। रैना ने कहा कि महबूबा मुफ्ती सिर्फ मजहब की राजनीति करना जानती है। वो हर मसले को मजहब और जाति से जोड़ देती हैं।
यही नहीं महबूबा मुफ्ती को जितना प्यार पाकिस्तान से है उसका कुछ हिस्सा भी वे अपने देश के साथ कर लें तो इस तहह के बयान सामने ना आएं। यह भी पढ़ेँः Jammu Kashmir: घाटी में अल्पसंख्यकों के खून बहने पर बोली सेना- कश्मीरी ऐसे लोगों को करेंगे बेनकाब
बता दें कि आर्यन खान की जमानत याचिका पर सुनवाई सोमवार को होना थी जो बुधवार 13 अक्टूबर तक टल गई है। आर्यन खान के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि, ‘ये बहुत स्वाभाविक है अगर कोर्ट जमानत याचिका खारिज कर दे। हम इसके लिए खिलाफ उच्च न्यायालय में जाएंगे। हमने मुंबई की विशेष एनडीपीएस कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है।’
आर्यन खान की जमानत याचिका इस आधार पर दाखिल की गई है कि उसके पास से किसी भी तरह का ड्रग्स बरामद नहीं हुआ था और आरोपियों के साथ उसकी कोई मिली भगत नहीं थी। साथ ही इस बात का भी कोई सबूत नहीं मिला है कि आर्यन खान ने ड्रग्स का सेवन किया था।