कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ( Gulam Nabi Azad ) खेमे से जुड़े पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने बकायदा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) को खत लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है।
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Kartarpur Sahib Corridor: 20 महीने बाद फिर खुला करतारपुर साहिब कॉरिडोर, ऐसे कर सकते हैं बुकिंग घाटी में जमीन तलाश रही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। चुनाव से पहले ही पार्टी के नेताओं के कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद खेमे से जुड़े पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर पर कई तरह के आरोप लगाया है। त्यागपत्र में कहा गया है कि मीर की अध्यक्षता में कांग्रेस लगातार पिछड़ती जा रही है। अनदेखी के कारण कई नेता पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफा देने वालों में चार पूर्व मंत्री और तीन विधायक भी शामिल हैं।
प्रदेश अध्यक्ष पर अनदेखी का लगाया आरोप
जम्मू के साथ घाटी के इन नेताओं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने अनदेखी का आरोप लगाते हुए पदों से अपना संयुक्त तौर पर इस्तीफा दिया है। इसकी कॉपी पाटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल को भी भेजी गई है।
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Jammu Kashmir: पल्हालन पट्टन में ग्रेनेड अटैक, दो CRPF जवान समेत तीन घायल जिन प्रमुख लोगों ने इस्तीफा सौंपा है, उनमें जीएम सरूरी, जुगल किशोर शर्मा, विकार रसूल, डॉ मनोहर लाल शर्मा, गुलाम नबी मोंगा, नरेश गुप्ता, सुभाष गुप्ता, अमीन भट, अनवर भट, इनायत अली और अन्य शामिल हैं।
एक तरफ बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दल घाटी में पकड़ मजबूत बनाने में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस चुनाव से पहले ही झटकों का सामना कर रही है। राहुल गांधी के दौरे के बावजूद पार्टी में अंदरुनी कलह कम नहीं हो रही। ताजा इस्तीफे इसी कड़ी का अहम हिस्सा माने जा रहे हैं।