आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद यहां चुनाव आयोग की ओर से विधान सभा क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन किया जाएगा। हालांकि अभी राज्य के नए पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट आने में 8 से 12 महीने का समय लगेगा। अब चूंकि यह रिपोर्ट नवंबर 2020 तक आएगी, इसलिए 2021 में ही विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि नवंबर में जम्मू—कश्मीर में बर्फबारी का सीजन शुरू हो जाता है।
दरअसल, अब चुनाव आयोग ( Election Comission ) जम्मू-कश्मीर में परिसीमन कराने को पूरी तरह से तैयार है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पूरी योजना का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है, जिसको 14 माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया 9 से 10 चरणों में पूरा करेगा।
चुनाव आयोग की यह प्रक्रिया गृह मंत्रालय से आधिकारिक अधिसूचना प्राप्त होते ही आरंभ कर दी जाएगी। रिपोर्ट में अनुसार चुनाव आयोग ने यह योजना साल 2000-2001 में उत्तराखंड के आधार पर तैयार की है। गौरतलब है कि परिसीमन प्रक्रिया के दौरान जनसंख्या को सीमाओं के पुनर्वितरण और आवंटन का ध्यान रखा जाता है।
इस कार्य को अंजाम देने के लिए 4 सदस्यीय एक टीम गठित की जाएगी। राजनीतिक विश्लशेकों के अनुसार अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद वहां के मुखिया उपराज्यपाल होंगे। परिसीमन के बाद विधानसभा की अधिकतम शक्ति 114 तक बढ़ जाएगी। हालांकि विधानसभा की 24 सीटों को पाक अधिकृत कश्मीर के लिए खाली छोड़ा जाएगा।