इफ्तार पर विवाद: अमित शाह ने गिरिराज सिंह को दी चेतावनी, कहा- संभलकर बोलें
बीजेपी ने तोड़ दिया था पीडीपी से गठबंधन
जम्मू कश्मीर में 19 दिसंबर को उस वक्त एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था, जब बीजेपी ने पीडीपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया। गठजोड़ वाली सरकार उस समय गिर गइ थी जब बीजेपी के समर्थन वापस लेने के साथ ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई। इसके बाद से ही राज्य में राष्ट्रपकि शासन लागू है।
कोर्ट का आदेश: शब्बीर शाह, आसिया अंद्राबी और मसर्रत आलम को 10 दिन की NIA हिरासत
राज्य के परिसीमन की भी चल रही बात
वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ही गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बैठक की। इसमें जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन और इसके लिए आयोग गठन पर विचार किया गया। जानकारी के अनुसार इस बाबत अमित शाह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पहले ही बात कर चुके हैं।
ममता बनर्जी बोलीं- EVM पर नहीं है भरोसा, लोकतंत्र बचाने के लिए TMC करेगी आंदोलन
क्या था पिछला चुनावी नतीजा
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा नवंबर और दिसंबर 2014 में हुआ था। नतीजों में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत से कोसो दूर रही। 87 विधानसभा सीटों वाली जम्मू कश्मीर में अपने दम पर सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 44 विधायक चाहिए होते हैं। लेकिन यहां पीडीपी को 28 और बीजेपी को 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। यानि को बहुमत नहीं मिला। हर हाल में सरकार बनाने को बेताब बीजेपी ने राज्य में पहली बार पीडीपी से गठबंधन किया और मिलकर सरकार बना ली। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। तीन साल में उपजे राजनीतिक विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन तोड़ दिया।