अमित शाह के संकल्प को मंजूरी मिलने के बाद अब जम्मू-कश्मीर अलग राज्य नहीं होगा। इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया है। यही नहीं जम्मू-कश्मीर से अब धारा 370 भी हटा दी जाएगी।
आईए जानते हैं सरकार के बड़े फैसले के बाद क्या बदलाव आएगा।
Live Blog: धारा 370 खत्म करने की सिफारिश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा ऐसा होगा नया स्वरूप
भारत में 29 राज्य हैं। जिनमें से 7 केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुडुचेरी यह सभी राज्य केंद्र शासित प्रदेशों के तहत आते हैं।
Live Blog: धारा 370 खत्म करने की सिफारिश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा ऐसा होगा नया स्वरूप
भारत में 29 राज्य हैं। जिनमें से 7 केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुडुचेरी यह सभी राज्य केंद्र शासित प्रदेशों के तहत आते हैं।
लेकिन नए बदलाव के बाद अब दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाए गए हैं। यानी अब देश में कुल 9 केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जम्मू-कश्मीर जहां विधायिका सहित केंद्र शासित प्रदेश होगा वहीं लद्दाख बगैर विधायिका के केंद्र शासित प्रदेश बनेगा।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा भी होगी, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश माना जाएगा। दिल्ली और पुडुचेरी में ऐसी व्यवस्था है। केंद्र शासित प्रदेश में ऐसे होता है काम
केंद्र शासित प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए कानून के तहत काम होता है। हालांकि भले ही यहां मुख्यमंत्री को जनता चुनकर भेजती हो। संविधान के अनुसार यहां के कार्यों को करने का अधिकार सीधे राष्ट्रपति को होता है।
केंद्र शासित प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए कानून के तहत काम होता है। हालांकि भले ही यहां मुख्यमंत्री को जनता चुनकर भेजती हो। संविधान के अनुसार यहां के कार्यों को करने का अधिकार सीधे राष्ट्रपति को होता है।
अंडमान-निकोबार, दिल्ली और पुडुचेरी का मुखिया उपराज्यपाल होता है। इन राज्यों में राज्यपाल को मुख्यमंत्री से ज्यादा अधिकार होते हैं। अब जम्मू-कश्मीर में भी ऐसा ही होगा। कश्मीर मुद्दे पर मोदी कैबिनेट की बैठक खत्म, बड़े फैसले के आसार
चंडीगढ़ का प्रशासक मुख्य आयुक्त होता है। वहीं पूर्ण राज्य दर्जा प्राप्त राज्यों में राज्य सरकार का मुखिया सीएम होता है। सरकार भी चलाता है। यहां के सभी विकास कामों का फैसला सीएम अपने कैबिनेट की मदद से लेता है।
लेकिन दिल्ली और अन्य राज्यों में बड़ा अंतर है। वैसे तो दिल्ली केंद्र शासित राज्य है लेकिन यहां मुख्यमंत्री का चुनाव होता है। मंत्रिमंडल भी होता है। लेकिन यहां की पुलिस मुख्यमंत्री के अंडर में नहीं होती है। दिल्ली पुलिस राज्य सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार के तहत काम करती है।