कश्मीर के बाद अब बिहार की बारी, जेडीयू से भी टूट सकता है भाजपा का गठबंधन!
दरअसल, इसके पीछे भाजपा की सोची समझी रणनीति बताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर में छह माह के लिए राज्यपाल शासन का प्रावधान है। ऐसे में भाजपा इस समय को ऐसे ही निकालना चाहती है और दिसंबर आते-आते राज्य में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराना चाहती है। इसके साथ ही भाजपा राज्यपाल शासन के अंतर्गत जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में विकास कार्य आगे बढ़ाने का खाका तैयार कर रही है। इसके साथ ही आतंकवाद और अलगाववाद पर प्रहार कर भाजपा चुनावी माहौल अपने पक्ष में बनाना चाहती है। पार्टी सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि राज्य में राज्यपाल शासन के बाद राष्ट्रपति शासन भी लागू किया जा सकता है। ऐसे में चाहते संविधान में संशोधन की जरूरत ही क्यों न पड़े।
कश्मीर के सियासी घमासान पर बोले राहुल गांधी, भाजपा-पीडीपी गठबंधन ने लगा दी आग
इसके साथ ही भाजपा इस बात से भी संतुष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में अभी कोई दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। कांग्रेस पहले ही सरकार बनाने की बात से इनकार कर चुकी है। वैसे भी पीडीपी और कांग्रेस के पास संख्या बल कम है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस राज्यपाल एनएन वोहरा से मिलकर राज्य में राज्यपाल शासन की मांग कर चुके हैं।