scriptMP Election 2023: बड़ा खुलासाः शपथ-पत्र से पत्नी आशा की चिटफंड कंपनी भी गायब | indore-1 bjp candidate kailash vijayvargiya affidavit issue | Patrika News
राजनीति

MP Election 2023: बड़ा खुलासाः शपथ-पत्र से पत्नी आशा की चिटफंड कंपनी भी गायब

पारदर्शिता तार-तार: भाजपा प्रत्याशी ने जानकारी छिपाई, सूचनाओं के ‘कैलाश’ तक नहीं पहुंच पा रहा आयोग

Nov 04, 2023 / 07:29 am

Manish Gite

kailash-vijayvargiya.png

 

नितेश पाल

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने निर्वाचन आयोग से सिर्फ पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म और छत्तीसगढ़ की फरारी ही नहीं छिपाई। इंदौर-1 से भरे अपने नामांकन के शपथ पत्र में पत्नी की कंपनी भी गायब कर दी। उनकी पत्नी आशा विजयवर्गीय चिटफंड कंपनी ‘एसोसिएशन फॉर सेल्फ हेल्प एक्शन’ की डायरेक्टर हैं, लेकिन कैलाश के शपथ-पत्र में इसका उल्लेख नहीं है।

निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक अभ्यर्थी और उसकी पत्नी सहित आश्रितों की आर्थिक और आपराधिक जानकारी शपथ-पत्र में देना जरूरी है। कैलाश ने शपथ-पत्र में पत्नी आशा को व्यवसायी बताया है। कैलाश ने पत्नी के श्रीनाथ इन्फ्रावेंचर में 50 हजार का निवेश करना भी बताया है। वृंदावन रेस्टोरेंट में भी 35.27 लाख रुपए लगाए हैं, लेकिन कहीं भी ‘एसोसिएशन फॉर सेल्फ हेल्प एक्शन’ का नाम नहीं है। सरकारी दस्तावेज में आशा की कंपनी का कार्यालय इंदौर की स्कीम नंबर-78 में है। खास बात यह भी है कि 12 अप्रेल 2002 को कंपनी के रजिस्ट्रेशन के वक्त से ही आशा निदेशक हैं। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को दी गई जानकारी मुताबिक वर्ष २०२२ में हुई कंपनी की साधारण सभा में आशा विजयवर्गीय शामिल हुई थीं। भारत सरकार की चिटफंड कंपनियों की सूची में यह कंपनी ७७ वें क्रम पर मौजूद है।

 

गोयल और यादव भी डायरेक्टर

कंपनी में आशा विजयवर्गीय के साथ 4 और डायरेक्टर हैं। कैलाश के मित्र कृष्णकांत (केके) गोयल, हरिनारायण यादव, प्रभुनारायण मिश्रा और राजकुमार विजय भी शामिल हैं। हरिनारायण 25 जुलाई 2018 को डायरेक्टर बने, बाकी के चारों डायरेक्टर कंपनी के रजिस्टर्ड होने के समय से ही डायरेक्टर हैं।

 

ये भी रहे निदेशक

कंपनी में शरद जोशी, कमलेश पारे और कैलाशचंद्र बंसल भी डायरेक्टर रहे हैं। जोशी 2002 से डायरेक्टर थे, 2018 में वे कंपनी से अलग हो गए। कमलेश पारे भी 2002 से 2019 तक डायरेक्टर रहे। बंसल 2005 में कंपनी से जुड़े और 2021 में बाहर हो गए।

 

क्लीनचिट देने वाले अफसर संदेह के घरे में

भोपाल. दुष्कर्म और फरारी का मामला होने के बाद भी कैलाश विजयवर्गीय को क्लीन चिट देने वाले जिला निर्वाचन अधिकारी इलैयाराजा टी. की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्ष चुनाव कराने की मंशा पर नेता और अफसरों का गठजोड़ भारी पड़ रहा है।

 

चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट के प्रयास हैं, राजनीति में बेदाग लोग आएं। प्रत्याशी-रिटर्निंग ऑफिसर ने इसे मजाक बना दिया। कैलाश का पर्चा रद्द होना चाहिए।
-अजय गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता

 

शपथ पत्र में गलत जानकारी देना अपराध की श्रेणी में आता है। रिटर्निंग ऑफिसर पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
-रामेश्वर नीखरा, वरिष्ठ अधिवक्ता

Hindi News/ Political / MP Election 2023: बड़ा खुलासाः शपथ-पत्र से पत्नी आशा की चिटफंड कंपनी भी गायब

ट्रेंडिंग वीडियो