पहले भी किए जाते रहे हैं हिममानव देखने के दावे भारतीय सेना के पर्वतारोही दल से पहले भी कई बार येती को देखने के दावे किए जा चुके हैं। कुछ साल पहले कुछ बौद्ध भिक्षुओं ने भी लद्दाख के पास हिममानव को देखने का दावा किया था। उत्तराखंड के बर्फीले पहाड़ों पर भी येती को देखने के दावे किए जाते रहे हैं।
हिममानव को अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते वैज्ञानिक हिममानव के पैरों के निशान वाले सेना के ट्वीट को देखकर ट्वीटर पर कुछ लोगों ने इसे मजाक समझ लिया, कुछ लोगों ने सवाल किया कि अगर येती होते हैं, तो सिर्फ एक पैर का निशान मौजूद क्यों है? हिममानव के अस्तित्व को वैज्ञानिक स्वीकार नहीं करते। वे इसे हिमालय में पाए जाने वाले भालुओं की ही एक प्रजाति मानते हैं।