scriptCAA के खिलाफ प्रस्ताव पर भारत नाराज, कहा- इस मामले में दखल न दे EU | India angry over proposal against CAA said EU should not interfere in this matter | Patrika News
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CAA के खिलाफ प्रस्ताव पर भारत नाराज, कहा- इस मामले में दखल न दे EU

CAA और जम्मू-कश्मीर पर यूरोपियन संसद में प्रस्ताव पर होगी बहस 29 जनवरी को पेश होगा प्रस्ताव संसद में 30 जनवरी को होगी वोटिंग

Jan 27, 2020 / 01:04 pm

Dhirendra

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव लाने की रिपोर्टों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। भारत ने यूरोपीय संघ ( EU ) से कहा है कि हमारा आंतरिक मामला है। इस कानून को संसद में सार्वजनिक बहस के बाद उचित प्रक्रिया और लोकतांत्रिक माध्यमों द्वारा अपनाया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि सीएए को लेकर आगे बढ़ने से पहले सही मूल्यांकन करेंगे और हमारे संपर्क में रहेंगे।
भारत ने यूरोपीय संसद की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ तैयार किए गए प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है। यूरोपीय संसद के कुछ सदस्यों ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव तैयार किया है जिस पर यूरोपीय संसद में बहस और मतदान होगा। यूरोपियन संसद में 29 जनवरी को प्रस्ताव पेश किया जाएगा, वहीं इस प्रस्ताव पर 30 जनवरी को वोटिंग की जाएगी।
यूरोपीय यूनियन संसद के 751 सांसदों में से 626 सांसद कुल 6 प्रस्ताव नागरिकता कानून और जम्मू-कश्मीर के संबंध में
सांसदों के ड्राफ्टेड प्रस्ताव के जवाब में, भारत सरकार ने कहा है कि नागरिकता कानून भारत के लिए पूरी तरह से आतंरिक मामला है। भारत ने इस कानून को संसद के दोनों सदनों में बहस के बाद अपनाया है। इस पर सार्वजनिक बहस हुई है। इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अस्तित्व में आया है।
भारत सरकार से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि एक लोकतांत्रिक देश होने की वजह से यूरोपीय संघ को भारतीय लोकतंत्र के आंतरिक ममलों में दखल नहीं देना चाहिए। भारत की सरकार एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी गई है, ऐसे में भारतीय संसद के फैसले के खिलाफ किसी भी प्रस्ताव पर यूरोपीय संसद को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।

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