इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के पास हथियार के तौर पर आतंकवाद नहीं बचा है। पाकिस्तान इस हथियार का इस्तेमाल भारत के खिलाफ विकल्प के तौर पर करता रहा है। ऐसा इसलिए कि पाकिस्तान आतंकी प्रशिक्षण अड्डे अब सुरक्षित नहीं रहे। रक्षा मंत्री के मुताबिक बालाकोट एयर-स्ट्राइक ने दिखा दिया है कि एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के परे भी पाकिस्तान की धरती पर आतंकी-ढांचा और आतंकियों के ट्रेनिंग अड़्डे भी सुरक्षित नहीं रह सकेंगे।
बालाकोट एयर स्ट्राइक की पहली वर्षगांठ पर आयोजित सेमिनार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह सहित तीनों सेनाओं के बड़े अधिकारी मौजूद थे। इस सेमिनार का थीम था एयर-पावर इन नो पीस नो वार यानि गैर-पारंपरिक युद्ध में वायुसेना का इस्तेमाल।
आपको बता दें कि ठीक एक साल पहले यानि 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकाने जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर एयर-स्ट्राइक कर बड़ी तादाद में आतंकियों और उनके कमांडर्स को मारने का दावा किया था। भारत ने पाकिस्तान के खबैर-पख्तूनखवां प्रांत में इस आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए अंजाम दी थी।