इस मामले में प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि डॉक्टर दिशा से गैंगरेप के सभी आरोपियों को 24 घंटे के भीतर अरेस्ट कर लिया गया था। आरोपियों को शमशाबाद पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया था। स्थानीय पुलिस इस मामले में क्लू हासिल करने के लिए आरोपियों को सीन रिक्रिएट करने के लिए शुक्रवार को क्राइम स्पॉट पर लेकर पहुंची थी।
क्राइम स्पॉट एनएच 44 पर पहुंचने के बाद आरोपियों ने भागने की कोशिश की। बता दें कि आरोपी मौके से फरार हो पाते उससे पहले ही आरोपियों को पुलिस ने ढेर कर दिया। 27 नवंबर को आरोपियों ने कथित तौर पर महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप किया था और बाद में जिंदा जला दिया था। पूरे मामले की अब एसआईटी जांच की जाएगी।
लोकसभा: आज पेश होगा नागरिकता संशोधन बिल, विपक्ष का विरोध जारी अब एसआईटी आरोपियों की मौत से जुड़े सभी साक्ष्यों को सुरक्षित और इकट्ठा करेगी। पुलिस इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज करेगी, साथ ही उन पुलिसकर्मियों के बारे में जांच करेगी जिनकी मौजूदगी में आरोपियों की मौत हुई है।
प्रशासन की ओर से जारी आदेश एसआईटी इस बात की भी पड़ताल करेगी किन परिस्थितियों में एनकाउंटर हुआा एसआईटी अपनी रिपोर्ट जल्द पूरा केरगी साथ ही स्थानीय कोर्ट में पूरी जानकारी सामने रखेगी. इस केस की संवेदनशीलता की वजह से पुलिस के साथ सभी सरकारी संस्थाएं एसआईटी की मदद करेंगी।
क्या हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों का एनकाउंटर न्याय हैं? दरअसल, 27 नवंबर को हैदराबाद की एक डॉक्टर युवती से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर शादनगर के पास चटनपल्ली में पुलिस से कथित तौर पर हथियार छीनने की कोशिश के बाद भाग रहे आरोपियों को शुक्रवार सुबह पुलिस ने मार गिराया।
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर पीसी सज्जाकार के मुताबिक पुलिस वहां दुष्कर्म की रात मौका-ए-वारदात का क्राइम सीन समझने के लिए आरोपियों को लेकर गई थी।
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