एनपीआर का एनआरसी से संबंध नहीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने ट्विटर हैंडल पर गृहमंत्री अमित शाह का यह ट्वीट रिट्वीट किया है- ‘एनपीआर की पूरी एक्सरसाइज कांग्रेस के बनाए कानून के अंतर्गत ही हो रही है। कांग्रेस ये एक्सरसाइज 2010-11 में कर चुकी है। हम वो ही एक्सरसाइज करने जा रहे हैं। देश की जनता से निवेदन है कि आप बहकावे में मत आइए। एनपीआर का एनआरसी से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है।’
मंत्रालय और मंत्री कर रहे सोशल मीडिया का इस्तेमाल केंद्रीय मंत्री निशंक के मुताबिक अभी तक देश के 1,101 शिक्षाविदों ने अपने हस्ताक्षरों से सीएए का समर्थन किया है। अनेक विश्वविद्यालयों से इस संदर्भ में पत्र प्राप्त हुए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री, नागरिकता संशोधन कानून पर अपनी मुहिम के जरिए देश के विभिन्न विद्यालयों व विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों तक केंद्र सरकार का मत पहुंचाने की कोशिश करेंगे। इसके लिए एचआरडी मंत्रालय और मंत्री दोनों ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।
राजनीतिक दलों के बहकावे में न आएं नागरिकता संशोधन कानून पर अपने सोशल मीडिया अभियान के जरिए निशंक ने कहा कि- ‘पूरे देश से नागरिकता संशोधन अधिनियम को मिल रहा है अपार जनसमर्थन। सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे राजनीतिक दलों के बहकावे में ना आएं। नागरिकता संशोधन कानून से देश का कोई भी नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म का हो प्रभावित नहीं होगा।’
छात्र संगठनों में नाराजगी दरअसल नागरिकता संशोधन कानून संसद द्वारा पास किए जाने के बाद देशभर के कई छात्र संगठनों के बीच इसे लेकर नाराजगी है। एचआरडी मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी निर्देश दिए गए हैं कि एनआरसी, सीएए व एनपीआर जैसे विषयों पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के तर्क प्रसारित किए जाएं। इसी तरह मंत्रालय अपने फेसबुक अकाउंट से भी इन विषयों पर लोगों के समक्ष भारत सरकार का पक्ष पेश करेगा।