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90 के दशक में डी लिट की उपाधि
जानकारी के अनुसार रमेश पोखरियाल निशंक को 90 के दशक में कोलंबो की ओपेन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने शिक्षा में विशेष योगदान के लिए डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया था। जबकि कुछ समय बाद ही उनको उसी युनिवर्सिटी से एक ओर डी लिट डिग्री की उपाधि मिली। इस बार युनिवर्सिटी ने उनको विज्ञान में योगदान के लिए यह डिग्री दी थी। हाल ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यह युनिवर्सिटी श्रीलंका में पंजीकृत ही नहीं है। यही नहीं श्रीलंका के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने इस बात की पुष्टि भी की है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस संबंध में जब देहरादून से दाखिल एक आरटीआई निशंक के बायोडाटा से जुड़ी पूरी जानकारी मांगी गई तो उनके सीवी और पासपोर्ट में अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज मिली।
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उत्तराखंड के पौड़ी के रहने वाले निशंक
रमेश पोखरियाल निशंक उत्तराखंड के पौड़ी के रहने वाले हैं। उनका जन्म 5 जुलाई 1958 को पौड़ी के पिनानी गांव में हुआ था। निशंक ने हेमवती बहुगुना गढ़वाल युनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया, जिसके बाद उन्होंने पीएचडी (ऑनर्स) और डी. लिट (ऑनर्स) की भी डिग्री भी हासिल की।
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पुराना है डिग्री विवाद दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ा यह डिग्री विवाद पुराना है। इससे पहले पिछली सरकार में एचआरडी मंत्री रही स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। विपक्ष ने उनके 2004 और 2014 के चुनाव में नामांकन के दौरान शैक्षणिक योग्यता में स्मृति ईरानी पर अलग—अलग जानकारी देने का आरोप लगाया था। विपक्ष का आरोप है कि 2004 लोकसभा चुनाव में स्मृति ने अपने शपथ पत्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट ग्रेजुएशन दिखाया था,जबकि 2014 में उन्होंनें 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही कॉमर्स पार्ट-1 में ग्रेजुएट होने की बात का जिक्र किया था।