राजनीति

अमित शाह की दो टूक- जितना चाहे विरोध करें, मोदी सरकार CAA लागू करने के लिए दृढ़

पूर्वी दिल्ली के भारत वंदना पार्क में गृह मंत्री अमित शाह ने दिया बयान।
एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान एनआरसी को लेकर भी कही बात।
किसी भी अल्पसंख्यक को परेशान न करने का किया दावा।

भारत वंदना पार्क में संबोधित करते अमित शाह।

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर विपक्ष की तमाम कोशिशों के बीच मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने टो टूक बात कही। पूर्वी दिल्ली के भारत वंदना पार्क शिलान्यास समारोह के दौरान शाह ने कहा कि तीन पड़ोसी देशों से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के नए कानून को लागू करने के लिए मोदी सरकार दृढ़ थी।
इस दौरान शाह ने कहा, “मैं (विपक्ष से) कहना चाहता हूं कि राजनीतिक रूप से चाहे जितना विरोध कर लें, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार दृढ़ है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जो लोग वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित रखे गए हैं उन्हें नागरिकता दी जाएगी। वे भारत के नागरिक बनेंगे और यहां पर सम्मान के साथ रहेंगे।”
वहीं, एक टेलीविजन समाचार चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “नागरिकता केंद्र का विषय है, जब संसद के दोनों सदन इसे पारित करते हैं तो वो पूरे देश पर लागू होता है। मैं नहीं करूंगी या नहीं करूंगा इससे काम नहीं चलता, ये लागू हो चुका है। पांच साल में नरेद्र मोदी जी की सरकार में 600 अफगानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश के मुस्लिमों को नागरिकता दी गयी है।”
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उन्होंने आगे कहा, “ये नरेंद्र मोदी सरकार है, हम सरकार चलाने के लिए नहीं आए हैं, देश की समस्याओं का समाधान करने के लिए आए हैं। देश को सुरक्षित करने के लिए आए हैं। हो सकता है कि हमें दिक्कतों का सामना करना पड़े, हममें साहस है और हमारे नेता में साहस है।”
एनआरसी को लेकर शाह बोले, “मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जब भी हम नया NRC लेकर आएंगे, यहां के एक भी अल्पसंख्यक के साथ अन्याय नहीं होगा। लेकिन कोई घुसपैठिया भी बच नहीं पाएगा। देश में कई बार नागरिकता देने के कानून बनाए गए। श्रीलंका के लिए भी बनाए गए, 6 लाख से ज्यादा परिवारों को श्रीलंका से आए हुए तमिल भाइयों को नागरिकता दी गई। अभी हम ये तीन देशों के धार्मिक प्रताड़ना से लोग यहां आए हैं इनके प्राब्लम को सुलझा रहे हैं।”
शाह ने बताया, “NRC में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। जो कोई भी NRC के तहत इस देश का नागरिक नहीं पाया जाएगा, उसे देश से बाहर निकाला जाएगा। सिर्फ मुसलमानों के लिए NRC होगी ये कहना पूर्णतः गलत है।”
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CAA को लेकर फैले विरोध के लिए उन्होंने कहा, “इस देश में जो मूल भारत के नागरिक हैं, वो चाहे किसी भी धर्म के हैं, उन्हें डरने की जरुरत नहीं हैं। NRC एक्सरसाइज आपको कभी भी बाधित नहीं करेगी, सरकार इसकी पूर्ण व्यवस्था करेगी और विशेषकर माइनॉरिटी के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। NRC का कांसेप्ट राजीव गांधी जी लेकर आये थे, आज सोनिया गांधी उसका विरोध कर रही हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “विपक्ष एकजुट होकर CAA के विषय में अफवाहें फैला रहा है। मैं आज सभी माइनॉरिटी के भाइयों और बहनों को कहना चाहता हूं कि इस एक्ट से आपको रत्ती भर भी नुकसान नहीं होने वाला। क्योंकि ये नागरिकता लेने का नहीं अपितु देने का कानून है।”
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करेगा जिन्हें इन देश में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा।
गौरतलब है कि मंगलवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात कर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया और इसे वापस लेने की मांग की।

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